टीएनपी डेस्क(TNP DESK): शिवसेना के दो गुट हो चुके हैं. एक उद्धव ठाकरे गुट, दुसरा एकनाथ शिंदे गुट. दोनों गुटों को नया नाम और नया निशान मिल चुका है. हालांकि, उद्धव गुट को बीते कल ही नाम और निशान मिल गया था लेकिन एकनाथ शिंदे गुट को बीते कल केवल नाम मिला. वहीं, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की ओर से भेजे गए तीनों निशान को खारिज कर दिया था. दरअसल, आयोग ने कहा था कि उनके द्वारा भेजे गए तीनों चुनाव चिन्ह पहले से ही किसी ना किसी पार्टी के पास हैं. जिसके बाद शिंदे गुट को आज यानी मंगलवार को ‘तलवार-ढाल’ का निशान मिला.

पार्टी का क्या है नाम
चुनाव आयोग ने शिवसेना का निशान के अलावा ‘शिवसेना’ नाम को भी फ्रीज कर लिया है. नाम फ्रीज होने के बाद दोनों पार्टियों को नया नाम और निशान मिल चुका है. बता दें कि उद्धव ठाकरे को टार्च और मशाल वाला चिह्न जारी किया गया है. वहीं, उनकी पार्टी का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया है. वहीं, एकनाथ शिंदे गुट से तीन विकल्प मांगे गए थे, लेकिन एकनाथ की ओर से भेजे गए तीनों चिन्ह किसी ना किसी पार्टी के पास था इसलिए बीते कल एकनाथ को केवल निशान मिला था. एकनाथ शिंदे गुट को सोमवार को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम दिया गया है. जिसके बाद शिंदे गुट को आज यानी मंगलवार को ‘तलवार-ढाल’ का चुनाव निशान मिला. 

महाराष्ट्र सत्ता परिवर्तन के बाद तेज हुई उद्धव-शिंदे में जंग
महाराष्ट्र में जैसे ही शिवसेना के एकनाथ ने पार्टी से बगावत शुरू कर. भाजपा के साथ हाथ मिलाया, उस वक्त से ही उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे की जंग तीखी होती जा रही है. एकनाथ के इस बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. और भाजपा ने उद्धव के करीबी एकनाथ को सीएम बना दिया था. चुनाव चिन्ह वाली लड़ाई ने विवाद को और ज्यादा बढ़ाने का काम किया था. अब दोनों उद्धव और शिंदे कैंप को ना शिवसेना नाम दिया गया है और ना ही वो वाला चुनाव चिन्ह मिला है.