धनबाद (DHANBAD) : धनबाद का उत्पाद विभाग जब "हिला" तो इंस्पेक्टर और दारोगा पर गाज गिरी है. सवाल किए जा रहे हैं कि धनबाद की सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब बेचने के मामले में क्या यह कार्रवाई पर्याप्त है? इस मामले में पांच सेल्समैन को जेल भेजा गया था. धनबाद की शराब दुकानों में लगातार नकली शराब बेचे जाने की शिकायत पर रांची की टीम ने औचक छापेमारी की थी.

इस छापेमारी में धनबाद टीम को अलग रखा गया था. धनबाद के मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग में छापेमारी करने के बाद धनबाद का उत्पाद विभाग "हिल" गया था. धनबाद से लेकर रांची तक इसकी चर्चा तेज थी. वैसे भी झारखंड में अभी शराब घोटाले को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. पता चला है कि धनबाद उत्पाद विभाग इंस्पेक्टर जामुन कुजूर को लाइन क्लोज कर दिया गया है. जबकि दारोगा जितेंद्र कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. 26 जून को रांची से उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार के नेतृत्व में टीम ने धनबाद की दो दुकानों में छापेमारी कर भारी मात्रा में मिलावटी शराब जब्त की थी. टीम ने मेमको मोड की दुकान से 217 और गोल बिल्डिंग की दुकान से 233 छोटी, बड़ी शराब की बोतल जब्त की थी.

इस कार्रवाई के बाद पांच सेल्समैन को गिरफ्तार किया गया था. जब्त शराब में मिलावट की पुष्टि होने के बाद इंस्पेक्टर और दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी. उसके बाद यह कार्रवाई की गई है. बता दें कि सेल्समैन की गिरफ्तारी के बाद सेल्समैनों का हुजूम उत्पाद विभाग कार्यालय पहुंचा था, और तरह-तरह के आरोप लगाकर धनबाद उत्पाद विभाग को सवालों में खड़ा कर दिया गया था.

वैसे भी धनबाद उत्पाद विभाग ऐसी-ऐसी जगह पर शराब दुकान का लाइसेंस निर्गत किया है, जिसकी अगर जांच हो जाए तो स्थल की रिपोर्ट करने वाले अधिकारी भी फंस सकते हैं. घनी मोहल्ले के बीच शराब की दुकान खोल दी गई है. मंदिर को भी अलग नहीं रखा गया है. चौक-चौराहों पर तो शराब की दुकान है ही. खैर जो भी हो लेकिन अगर धनबाद की सरकारी शराब दुकानों में मिलावटी शराब बेचे जाने की पुष्टि हो गई है, तो सिर्फ दो अधिकारियों पर एक्शन को पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. उल्लेखनीय है कि धनबाद में अवैध शराब की फैक्ट्रियां भी पकड़ी जाती रही है. अभी हाल ही में बलियापुर में लगभग एक करोड रुपए की अवैध शराब पुलिस ने बरामद किया था. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि धनबाद की शराब दुकानों में क्या-क्या खेल चल रहा है, इसकी एक उच्च स्तरीय जांच की जरूरत महसूस की जा रही है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो