टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : 2 साल 7 महीने के लंबे इंतजार के बाद आज यानी 3 जुलाई को रांचीवासियों को पहली बुलेट प्रूफ बैरियर वाला एलिवेटेट कॉरिडोर मिला है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस एलिवेटेट कॉरिडोर का उद्घाटन किया. इस बहुप्रतीक्षित कॉरिडोर के निर्माण की लागत 558 करोड़ रुपये है. इसमें भूमि अधिग्रहण, यूटिलिटी शिफ्टिंग समेत सभी खर्च शामिल हैं. लगभग 4.17 किमी लंबे फ्लाईओवर में शॉक एब्जॉर्बिंग (झटका रोकने वाला ज्वाइंट) जोड़ लगाए गए हैं. ऐसे में जानते हैं कि रांचीवासियों को जिस एलिवेटेट कॉरिडोर का लंबे समय से इंतजार था आखिर उसकी खासियत क्या है-
बुलेट प्रूफ व्यू कटर का किया गया इस्तेमाल
रांची में बना रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर कई मायनों में खास है. झारखंड में पहली बार बुलेट प्रूफ व्यू कटर का इस्तेमाल किया गया, जिससे राजभवन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. राजभवन के पास 200 मीटर बुलेट प्रूफ कटर लगाया गया है. इसके साथ ही फ्लाईओवर में मॉड्यूलर एक्सटेंशन जॉइंट लगाया गया है, जिससे जॉइंट पर किसी तरह की आवाज नहीं आएगी. इससे वाहनों को झटका नहीं लगेगा.
एलिवेटड कॉरिडोर में लगाया गया है नॉइस बैरियर
इस एलिवेटेड कॉरिडोर की एक और खासियत यह है कि इसमें नॉइज बैरियर भी लगाया गया है. नॉइज बैरियर लगने से आसपास रहने वाले लोगों को ट्रैफिक और वाहनों का शोर सुनाई नहीं देगा. जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
नागाबाबा खटाल रैंप से चढ़ने की व्यवस्था
एनएच 75 पंडरा रोड में हेहल पोस्ट ऑफिस से नागाबाबा खटाल तक 3.57 किमी में यह एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया गया है. वहीं, पिस्का मोड़ से एनएच 23 इटकी रोड तक 600 मीटर बनाया गया है. इसकी कुल लंबाई 4.17 किमी है. पंडरा रोड और नागाबाबा खटाल रैंप से चढ़ने की व्यवस्था होगी, जबकि इटकी रोड में उतरने के लिए सिर्फ रैंप है.
लाइटिंग की भी बेहतर व्यवस्था
इसके अलावा कॉरिडोर के निर्माण में सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी. जल संरक्षण की दृष्टि से फ्लाईओवर के पानी को नीचे लाकर भूमिगत करने के बेहतर इंतजाम किए गए हैं. फ्लाईओवर के ऊपर और नीचे दूधिया सफेद रोशनी की भी व्यवस्था की गई है.
एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सर्विस रोड का भी निर्माण बेहतर
एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सर्विस रोड का निर्माण बेहतर तरीके से किया गया है. इससे पानी की निकासी भी हो रही है. साथ ही ड्रेनेज सिस्टम भी बेहतर हुआ है. वहीं सर्विस रोड के बीचों-बीच शानदार पौधरोपण किया गया है, जो इसे खूबसूरत बना रहा है. साथ ही प्रकृति का भी ख्याल रखा जा रहा है.
मिलेगी ट्रैफिक की समस्या से निजात
रातू रोड फ्लाईओवर को रांची की यातायात व्यवस्था की लाइफलाइन कहा जा रहा है. क्योंकि अब लोगों को भारी ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी. अक्सर रातू रोड पर लंबा जाम लग जाता था, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. पहले नागा बाबा खटाल से पिस्का मोड़ तक का सफर तय करने में लोगों को 30 से 60 मिनट का समय लगता था, अब लोग यही सफर 5 से 7 मिनट में पूरा कर सकेंगे.
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