सरायकेला(SARAIKELA)- हर वक्त गुजरने के साथ हमारा देश और समाज लगातार विकसित हो रहा है. लेकिन आधुनिकता की दौड़ में सरपट दौड़ते हमारे समाज में अब भी कई रूढ़िवादी परंपराएं व अंधविश्वास बरकरार है. जो मानवीय चतुर्दिक विकास के दावों पर बड़ा प्रश्न चिन्ह ही खड़ा करता है. इसी अंधविश्वास का एक नाम डायन प्रताड़ना भी है. जो आज भी हमारे समाज में व्याप्त है और कई सामंती व विकृत सोच वाले लोगों की वजह से कई अबला डायन प्रताड़ना का दंश झेलने को मजबूर हैं.
डायन प्रताड़ना के नाम पर नए-नए खेल की मोहरा बनी फगुनी
इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी बदनसीब महिला की कहानी बताते हैं. जो दशकों से डायन प्रताड़ना का दंश झेल रही है और डायन के नाम पर अंधविश्वास के नए-नए कारनामों की मोहरा बन यात्रा झेल रही है. इस बदनसीब महिला का नाम फगुनी देवी है. 62 वर्षीय फगुनी देवी चतरा के सिमरिया थाना अंतर्गत तलसा की रहने वाली है. वर्ष 2003 से इसके अपने ही कई रिश्तेदारों द्वारा डायन कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है. कई मौकों पर इस पीड़िता को सामाजिक व प्रशासनिक पहल से न्याय भी मिला. लेकिन इनकी बदनसीबी का यह हाल है कुछ दिनों तक जब एक रिश्तेदार प्रताड़ित करता है तो उसके चुप हो जाने के बाद फिर दूसरा उन्हें प्रताड़ित करने लगता है और इन सब के बीच पीछे इनकी भूमि हड़पना साजिश के तौर पर शामिल भी है.
पद्मश्री छुटनी महतो की शरण में पहुंची पीड़िता
फगुनी देवी कई वर्षों तक प्रताड़ित होने के बाद वर्ष 2017 में पहली बार डायन प्रताड़ना के खिलाफ कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता छुटनी देवी के पास आई थी. उनकी शरण में आने के बाद छूटनी महतो की पहल पर उनके रिश्तेदारों के साथ पुलिस की मौजूदगी में समझौता कराकर मामला शांत कराया गया था. लेकिन पांच सालों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर फगुनी देवी डायन के नाम पर लगातार प्रताड़ना से शिकार होने के बाद पद्मश्री छुटनी महतो से गुहार लगाने एक बार फिर पहुंची. इस बार फगुनी देवी को उसके चाचा ससुर के परिवार वालों ने डायन कहकर प्रताड़ित किया है.
शरीर में सुई चुभो चुभो कर डायन निकालने के नाम पर अंधविश्वास का अमानवीय खेल
फगुनी देवी ने बताया कि वर्ष 2017 में समझौता होने के बाद सब कुछ ठीक होने लगा. लेकिन उनके रिश्तेदारों ने योजना बनाकर अंधविश्वास के एक नए खेल में फगुनी को मोहरा बनाते हुए असीम यातना देने की स्क्रिप्ट तैयार की. उन्होंने फागुनी के शरीर से डायन को हटाने के लिए अंधविश्वास का नया खेल शुरू किया. जिसके तहत ओझा द्वारा कई प्रकार की बलि व पूजा करने के साथ इनके शरीर को सैकड़ों जगहों पर सुई चुभोकर डायन निकालने का दावा किया गया. फिर उन्हें गया ले जा कर पूजा करवाया गया. इस पूरे खेल के बीच दक्षिणा के रूप में कुल तीन लाख भी फगुनी से खर्च करवाए गए. तब जाकर यह कहा गया कि तुम्हारे अंदर से डायन चला गया.
अब डायन प्रताड़ना से मिले मुक्ति, प्रशासन करे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
बेबस फगुनी न्यूज़ पोस्ट के सामने फफक फफक कर रो रही है और न्याय की गुहार लगा रही है. उनका कहना है कि इस बार उन्हें डायन से पूरी तरह मुक्ति चाहिए. फिर उन्हें कोई डायना कह कर प्रताड़ित न करें. साथ ही साथ उन्होंने पुलिस प्रशासन से यह गुहार भी लगाई है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. पद्मश्री सामाजिक कार्यकर्ता छुटनी महतो ने कहा कि यह काफी दुखद है. अभी हमारे समाज में डायन प्रथा बरकरार है और इसके नाम पर लोग अंधविश्वास के नया नया खेल खेल रहे हैं.
रिपोर्ट: विकास कुमार, सरायकेला
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