दुमका (DUMKA) : कहते हैं वो इंसान बड़ा खुशनसीब होता है जिसके सर पर मां का हाथ हो. इस हिसाब से देखें तो उस बच्चे को आप क्या कहेंगे जिसके सर पर दो दो मां हाथ रखने को तैयार हों. लेकिन दुमका में दो मां की लड़ाई में एक बच्चे का बचपन पीस रहा है. कहानी आपको रील लाइफ की भले लगे लेकिन है रियल लाइफ की. मंगलवार की शाम दुमका महिला थाना परिसर में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा.

क्या है मामला

रानीश्वर थाना के आसनबनी की रहने वाली शीला देवी की शादी वर्ष 2008 में जराडीह निवासी प्रेम राणा के साथ हुई. समय के साथ दोनों के दो बच्चे हुए, एक बेटा और एक बेटी. एक आदर्श परिवार की जो फ्रेम होती है, बिल्कुल उसमें फिट होने लायक तस्वीर. पर समय के साथ पति पत्नी में तकरार होने लगी. बकौल शीला, पति का नाजायज प्रेम संबंध इसका कारण था. तंग आकर पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर कुछ दिनों के लिए मायके चली गयी. पत्नी के मायके जाते ही पति प्रेम राणा ने 2020 में रामगढ़ थाना के बागमुंडा गांव में एक विधवा हीरामणि देवी से शादी कर ली. हीरामणि को अपने पहले पति से एक बेटी थी. शादी के समय प्रेम राणा और उसके घरवालों ने हीरामनी को बताया कि उसकी पहली पत्नी मर गयी है और उसे एक लड़का भी है. हीरामणी में पति के साथ बेटे बिमल राणा को भी अपना लिया. प्रेम राणा ने दूसरी शादी के बाद धोखे से अपनी पहली पत्नी के पास से बेटे बिमल राणा को लेकर दूसरी पत्नी हीरामणि की गोद में डाल दिया. दोनों पति पत्नी बच्चों को लेकर काम की तलाश में केरल चले गए. करीब दो साल से हीरामणि उसके बेटे की परवरिश कर रही. आलम यह है कि मासूम विमल अब हीरामणि को ही अपनी मां समझता है. बायोलॉजिकल मां की कोई स्मृति उसके जेहन में नहीं रही.

बेटे को पाने के लिए पहुंची केरल

इधर जब पहली पत्नी शीला को पति की दूसरी शादी और बेटे की स्थिति के बारे में जानकारी मिली तो उसके पांव तले जमीन खिसक गई. पति और बेटे से बिछड़ने का गम और बेटी की परवरिश की चिंता ने उसे घर की दहलीज लांघने पर विवश कर दिया. वो भी बेटी को लेकर रोजगार की तलाश में तमिलनाडु चली गयी ताकि वापस अपने कलेजे के टुकड़े को पा सके. वहां तमाम कोशिश के बाद पति और बेटे से मुलाकात नहीं हो सकी.

बेटे से मिलने की ललक में बिना टिकट सफर

कुछ दिन पहले  शीला को उसके सास ससुर ने फोन कर जानकारी दी कि उसका पति और बेटा  दुमका आया है और दूसरी पत्नी के साथ उसके घर पर है. जल्द ही सभी वापस केरल चले जाएंगे. बेटा पाने की आस में शीला बिना टिकट और बिना सीट तीन दिन का सफर तय कर बेटी के साथ जैसे तैसे ट्रेन पकड़कर दुमका पहुंच गयी. यहां आने पर सास ससुर ने फिर जानकारी दी कि बेटा वापस चाहती हो तो तुरंत स्टेशन जाओ. प्रेम राणा दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ दुमका स्टेशन से ट्रेन पकड़कर वापस केरल जाने वाला है. शीला  भागी भागी दुमका रेलवे स्टेशन पहुंची तो पति, सौतन और बेटा को स्टेशन पर पाया. बेटे को पाने के चक्कर मे हंगामा शुरू हो गया.

अपनी ही मां को नहीं पहचान पाया बेटा

बेटे से मिलने के लिए तड़प रही मां की स्थिति तब अजीब सी हो गई, जब अपनी ही मां को बेटे ने पहचानने से इंकार कर दिया और सौत की गोद में मुंह छिपा लिया. बहते आंसुओं के साथ मां शीला ने कहा कि बच्चा गोद में आएगा तो सब ठीक हो जाएगा. अपनी मां को भी पहचानेगा. बच्चे की परवरिश को लेकर चिंतित मां ने कहा कि बच्चे का हाल देख कर दुख होता है. उसे सलीके से खाना तक नहीं खिलाया जाता. बेटे को पाने के लिए हर लड़ाई लड़ूंगी. उधर सौतेली मां भी किसी भी हाल में पति के बेटे को छोड़ना नहीं चाहती. हीरामणि का कहना है कि दो साल से जिस बच्चे को पालपोस कर बड़ा की हूं, उसे ऐसे ही कैसे सौंप दूं.

मामला महिला थाना में

सूचना पुलिस को मिली. नगर थाना की पुलिस स्टेशन पहुचकर दोनों महिला और बच्चे को लेकर थाना पहुची, जबकि पति पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. नगर थाना की पुलिस ने बच्चे और दोनों महिला को महिला थाना भेज दिया. रात महिला थाना में बीती. बुधवार सुबह मुफस्सिल थाना की पुलिस पति को पकड़कर थाना लायी.

बहरहाल पुलिस के लिए भी एक बच्चे और दो मां के दावे की समस्या का समाधान करना किसी चुनौती से कम नहीं.  फिलहाल बातचीत के जरिए ही समाधान का प्रयास किया जा रहा है. पर यह जरूर सच है कि दो मां की खींचातानी और पिता की करतूत की वजह से एक मासूम का बचपन पीस रहा.