धनबाद (DHANBAD) : 1 मई मजदूर दिवस के रूप में संपूर्ण भारत वर्ष सहित दुनिया के हर देशों में मनाया जाता है. आज की परिस्थिति में महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी ने मजदूरों के हालात को बुरी तरह प्रभावित किया है. सरकार की नीति पूंजी परस्त नीति है, सरकार पूंजीपतियों के हित में सोचती है. सरकार महंगाई और बेरोजगारी दूर करने में पूरी तरह विफल है. आज मजदूरों के प्राप्त सुविधायें काटी गई है. सरकारी कंपनियों को खुलेआम बेचा जा रहा है, बैंकों को दिवाला करके पूंजी पतियों की नीति के तहत उनके लाभ के लिए पूरी तरह से निजी मालिकों के हाथ में सौंपा जा रहा है. द न्यूज पोस्ट से खास बातची के दौरान राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (इंटक) के महामंत्री एके झा ने ये बातें कही.
याद किया कोविड काल में मजदूरों के हालात
इंटक के महामंत्री एके झा ने कहा कि आजादी के बाद बेरोजगारी दूर करने के सवाल पर आर्थिक विषमता दूर करने के सवाल पर मजदूर और किसानों को हक दिलाने के सवाल पर भारत की खुशहाली के लिए सरकारी कंपनियों का सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का निर्माण किया गया. रोजगार के अवसर पैदा किए गए. लेकिन पिछले 7-8 साल में देश ने बहुत संकट झेला है. मजदूर हित के सारे कानून पूंजीपतियों के हित में बदल दिए गए हैं. सारे सरकारी कंपनियों को माटी के भाव देश के पूंजी पतियों के हाथ बेचा जा रहा है, कोविड-19 के दौरान मजदूरों के हालात को याद करते हुए कहा कि वे इस दौरान देश हित में उत्पादन को बढ़ा रहे थे, बिजली संकट को दूर करने के लिए कोयला खान को चला रहे थे, जिंदगी और मौत का सौदा लेकर. लेकिन सरकार हमारे प्रवासी मजदूरों को सैकड़ों मील पैदल चलने के लिए, परिवार सहित भूखे मरने के लिए, रेल लाइन और सड़क मार्ग पर मौत का शिकार बनने के लिए विवश कर रही थी. आरोप लगाया कि सरकार का पूरा तंत्र पूंजीपतियों के हित में काम कर रहा था ,सारी व्यवस्था मजदूरों के दुख और दर्द को बांटने के लिए जरा भी चिंता नहीं कर रही थी. मजदूर उस नजारे को, मजदूर उस हालात को अपनी मौत को सामने देख कर सिर्फ विवश थे.
संकल्प के साथ मनाएं मजदूर दिवस
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार जय मंगल (अनूप सिंह )विधायक ने भी इंटक के 75 में वर्षगांठ पर मजदूर दिवस को पूरी जागरूकता के साथ, पूरे संकल्प के साथ, पूरे विश्वास के साथ, पूरी सद्भावना के साथ, पूरे गांधीवादी विचारधारा के साथ मनाने का आवाहन किया है. हर कोलियरी, हर शाखा ,हर यूनिट, हर एरिया में धरना प्रदर्शन, संगोष्ठी विचार विमर्श ,जन जागरण अभियान, पदयात्रा अभियान चलाकर अपने निर्णय के अनुसार मजदूर दिवस को ऐतिहासिक दिवस के रूप में इंटक को मजबूत करने के संकल्प के साथ कांग्रेस को मजबूत करने के संकल्प सहित कांग्रेस के झंडे को ऊंचा उठाने के साथ ,सरकार के मजदूर विरोधी नीति का, किसान विरोधी नीति का, नौजवान विरोधी नीति का, मजबूती से प्रतिकार करें और इस कार्यक्रम को एक सफल कार्यक्रम बनाने की दिशा में रचनात्मक भूमिका अदा करें.
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