रांची- झारखंड समेत पूरे देश में राज्यसभा का द्विवार्षिक चुनाव होने जा रहा है.झारखंड में इसको लेकर सियासत धीरे-धीरे परवान चढ़ रही है. 2 सीट के लिए यहां पर 10 जून को चुनाव होगा.सत्ता पक्ष के दो घटक दल जेएमएम और कांग्रेस अपने में जोर आजमाइश कर रहे हैं.

एक सीट के लिए पार्टी में मारा-मारी

इधर भाजपा में भी जबरदस्त खींचतान है. मोटे तौर पर यह माना जा रहा है कि भाजपा के लिए एक सीट पर जीत लगभग तय है.बशर्ते निर्धारित आंकड़ों से कुछ अधिक समर्थन मिल जाए. जैसा कि 2020 में राज्यसभा चुनाव में दीपक प्रकाश को उम्मीद से अधिक वोट मिले थे. वैसी स्थिति इस बार नहीं लग रही है. क्योंकि 5 सदस्यीय झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन पिछले बजट सत्र के दौरान हुआ था.यह मोर्चा जरूर खेल को बना और बिगाड़ सकता है.दीपक प्रकाश को समर्थन देने वाले विधायक इस मोर्चा के सदस्य हैं.रघुवर दास के घोर विरोधी सरयू राय कभी नहीं चाहेंगे कि भाजपा की ओर से रघुवर दास राज्यसभा की दहलीज तक पहुंचे. वहीं आजसू से भी बहुत कम उम्मीद की जा रही है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के लिए झारखंड से राज्यसभा का सफर आसान नहीं दिख रहा है.

रघुवर के अलावा कई दावेदार

अब यह जानते हैं कि प्रदेश से भाजपा के कौन-कौन से नेता है प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल हैं प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू के अलावा महामंत्री प्रदीप वर्मा भी पूरी ताकत लगाए हुए हैं एक नया नाम सीमा शर्मा का आया है सीमा शर्मा भाजपा के कुछ नेताओं के आशीर्वाद से इस दौड़ में शामिल हो गई हैं.यह भी कहा जा रहा है कि किसी महिला को अभी तक राज्यसभा में झारखंड से भाजपा ने नहीं भेजा है. पर यह भी सच है कि सीमा शर्मा का वर्तमान प्रदेश संगठन में बहुत अच्छा प्रभाव नहीं दिख रहा है.अगर केंद्रीय नेतृत्व ही मेहरबान हो जाए तो सीमा शर्मा प्रत्याशी बन सकती हैं.इसके अलावा प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष दीपक बंका भी इस रेस में शामिल हैं.  

इस  दफे किसी महिला को भी मिल सकता है मौका 

इस विषय में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश वापस रांची लौट आए हैं.27 और 28 मई को हजारीबाग में प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति बैठक होनी है.इसके बाद ही राज्यसभा के प्रत्याशी के बारे में कुछ अधिक पुष्ट खबर हाथ लग सकती है.