टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होनी है. इससे पहले पक्ष और विपक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए वोट जुटाने में लगे हुए हैं. जहां एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं विपक्ष की ओर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी घोषित किया गया है. राष्ट्रपति चुनाव के वोट गणित की बात करें तो जीतने वाले प्रत्याशी को कुल वोट वैल्यू के आधे से ज्यादा हासिल करना जरूरी है.

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राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट वैल्यू 10,86,431 है. इसमें देश के सभी सांसदों और सभी राज्य के विधायकों के वोट शामिल होते हैं. ऐसे में विजयी होने वाले उम्मीदवार को 5,43,216  वोट प्राप्त करने आवश्यक है. केंद्र और राज्यों की स्थिति को देखा जाए तो एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पक्ष में जीत के जरूरी अनिवार्य वोट पड़ने की पूरी संभावना है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है, ये बताते हैं ........  

जीत के लिए वोटों की ये है गणित

राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है. सांसदों और विधायकों के वोट जोड़े जाए तो भाजपा के पास 5,26,420  वोट हैं, जबकि चुनाव जीतने के लिए 5,43,216  चाहिए.  भाजपा के पास साढ़े 16 हजार के करीब कम वोट हैं. ऐसे में भाजपा को अन्य किसी पार्टी के समर्थन की जरूरत है. भाजपा की उम्मीद बीजेडी, जदयू और वाईएसआर कांग्रेस पर टिकी थी. मगर, अब साफ हो गया है कि भाजपा को बीजू जनता दल यानी बीजेडी का समर्थन मिल गया है. बीजेडी के पास राष्ट्रपति चुनाव में 31 हजार से ज्यादा मत हैं ऐसे में BJD के समर्थन के बाद एनडीए के पास तकरीबन 5,52,000 के करीब वोट हो जाते हैं. इससे बहुमत का आंकड़ा द्रौपदी मुर्मू आसानी से पार करती हुई दिखाई दे रही हैं. अब सवाल है कि BJD ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन क्यों दिया?

BJD ने द्रौपदी मुर्मू को क्यों दिया समर्थन

एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू मूल रूप से ओड़िशा राज्य से आती हैं. वे ओड़िशा में बीजेपी और BJD की गठबंधन वाली नवीन पटनायक सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. उन्होंने महिला विकास और आदिवासी समाज के विकास के लिए कई काम भी किए हैं. अगर वो राष्ट्रपति बनती हैं तो वो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू चूंकि ओड़िशा से आती हैं और बीजेपी के साथ वह बीजू जनता दल की भी काफी करीबी रही है. ऐसे में बीजू जनता दल के मुखिया और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बिना शर्त उन्हें समर्थन देने का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना उनके लिए और पूरे ओड़िशा के लिए गौरव की बात है.