धनबाद (DHANBAD): अगर हिम्मत है, कुछ करने की इच्छा है, परिवार वालों का आशीर्वाद है और ईश्वर की कृपा है तो कोई भी विपरीत परिस्थिति बहुत दिनों तक सामने टिक नहीं सकती.  इसके उदाहरण हैं धनबाद के आर्यन सिंह.  4 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.  जीवन और मौत से जूझते  हुए फिर खड़े हुए. डॉक्टरों ने उनके एक हाथ को काट कर उनकी जान बचाई. 

दो साल तक लोगो के ताने सहने पड़े 
 एक महीना तक अस्पताल में रहे, उसके बाद डेढ़ से 2 साल तक लोगों के ताने सही.  लोग कहने लगे थे कि अब तो एक हाथ है ही नहीं , अब क्या कुछ कर पाओगे, यह बात  झकझोर देती थी और फिर मैंने सोचा कि सब कुछ रहते हुए अगर कोई कुछ कर लेता है तो क्या उपलब्धि ,एक हाथ  नहीं है, अगर हम कुछ करते हैं तो दुनिया मेरी नाम लेगी और यही सोच मुझे लगातार आगे बढ़ाती रही. और आज मैं जिस मुकाम पर हूं ,उसके लिए मेरे साथ जो घटना घटी थी, उसे मैं ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं. 

मथुरा की प्रतियोगिता में मिला है गोल्ड मेडल 

आज वह बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. गोल्ड मैडल जीत लिए हैं. रोज 6 से 7 घंटा जिम में बिता रहे हैं. आगे भी उन्हें बॉडी बिल्डिंग में ही कैरियर बनाने की इच्छा है और इसके लिए वह लगातार प्रयास भी कर रहे हैं.  उनकी इच्छा है कि वह नेशनल गेम खेलें, अभी हाल ही में मथुरा में हुए हिंदुस्तान ग्रुप ऑफ़ बॉडीबिल्डिंग की प्रतियोगिता में उन्हें गोल्ड मेडल मिला है.  यह गोल्ड मेडल उनके जीवन में टॉनिक का काम कर रहा है और इसी  के भरोसे वह आगे बहुत कुछ करने के लिए सोच रहे है. 

रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह के साथ प्रकाश