पाकुड़(PAKUR):पाकुड़ सदर प्रखंड के कासीला चेकपोस्ट पर प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खुलती जा रही है. दिन हो या रात, सैकड़ों ट्रैक्टर बिना माइनिंग चालान के ओवरलोड गिट्टी लेकर पश्चिम बंगाल की ओर रेंगते हुए गुजरते है. ऐसा प्रतीत होता है मानों यहां कानून की नहीं, माफियाओं की चलती है.

चेकपोस्ट के रहते भी ट्रैक्टर बेरोकटोक कैसे पार हो रहे

कहा जाता है कि चेकपोस्ट का मकसद अवैध परिवहन को रोकना होता है, मगर कासीला में तो तस्वीर ही उलटी है. बिना चालान, ओवरलोड ट्रैक्टर खुलेआम गुजर रहे हैंऔर मजिस्ट्रेट मूकदर्शक बने हुए है.

डीसी के निर्देशों की उड़ रही धज्जियाँ

हाल ही में उपायुक्त मनीष कुमार ने स्वयं कासीला चेकपोस्ट का निरीक्षण किया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अवैध परिवहन पर तत्काल रोक लगे. बावजूद इसके हालात जस के तस हैं, जो यह दिखाता है कि या तो निर्देशों को नजरअंदाज किया जा रहा है या मिलीभगत इतनी गहरी है कि कार्रवाई की हिम्मत कोई नहीं जुटा रहा.

हर रात 100 से अधिक ट्रैक्टर पार, मजिस्ट्रेट मौन

सूत्रों की मानें तो हर रात करीब 100 से अधिक ट्रैक्टर बिना माइनिंग दस्तावेज के अवैध गिट्टी लेकर बंगाल की सीमा में प्रवेश करते है. यह सब चेकपोस्ट के सामने होता है, जहां मजिस्ट्रेट और सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन कार्रवाई नदारद है.

बड़ा सवाल: कासीला की कौन सी स्टोन कंपनियाँ हैं जिम्मेदार

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कासीला क्षेत्र में कौन-सी स्टोन कंपनियाँ हैं जो बिना चालान गिट्टी बेच रही हैं क्या इन कंपनियों पर कार्रवाई होगी और कब तक यह लूट-खसोट यूं ही चलती रहेगी? कासीला चेकपोस्ट की स्थिति इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक ढांचे में कहीं न कहीं गंभीर चूक है या फिर मिलीभगत का खेल चल रहा है. आवश्यकता है त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की, जिससे अवैध माफियाओं की कमर टूटे और राजस्व की लूट पर लगाम लगे.

रिपोर्ट-नंदकिशोर मंडल