पाकुड़ (PAKUR): झारखंड के पाकुड़ जिले से एक नई सुगंध अंतरराष्ट्रीय हवाओं में तैर रही है यह सुगंध है आम्रपाली आम की, जो अब सऊदी अरब की धरती पर अपने स्वाद का परचम लहराएगी. उपायुक्त मनीष कुमार ने समाहरणालय परिसर से 250 किलोग्राम आमों से भरे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह ऐतिहासिक निर्यात धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत संभव हो सका है.
उपायुक्त मनीष कुमार ने इसे केवल एक व्यापारिक गतिविधि नहीं, बल्कि पाकुड़ के मेहनतकश किसानों के सपनों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाली पहल बताया. उन्होंने इस मौके पर कहा,यह आम नहीं, हमारे किसानों की मेहनत, उम्मीद और आत्मनिर्भर भारत की खुशबू है, जो अब विदेशों में भी महसूस की जाएगी.
पाकुड़ के किसानों को मिलेगा नया बाजार
हिरणपुर और पाकुड़ प्रखंडों के किसानों द्वारा जैविक तरीकों से उगाए गए आम न केवल स्वाद में बेजोड़ हैं, बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भी खरे उतरते हैं. इस निर्यात के ज़रिए न केवल किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि उन्हें वैश्विक मंडियों तक पहुंचने का अवसर भी मिलेगा.
कृषि से आत्मनिर्भरता की ओर
जिला प्रशासन ने कृषि उत्पाद बाजार समिति और एक्सपोर्ट एजेंसियों को निर्देश दिया है कि इस तरह की पहल को नियमित रूप से बढ़ावा दिया जाए. इससे जिले को एक ग्लोबल एग्री हब के रूप में विकसित किया जा सकता है.
पाकुड़ का आम बना 'ग्लोबल ब्रांड'
इस पहल से साफ हो गया है कि अब पाकुड़ सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि वैश्विक फल बाजार में एक उभरता हुआ नाम है. पाकुड़ का आम अब सिर्फ स्वाद नहीं, पहचान बनता जा रहा है.
रिपोर्ट : नंद किशोर मंडल / पाकुड़
Recent Comments