"जय हनुमान ज्ञान गुनसागर , जय कपीस तिहुँ लोक उजागर "
धनबाद (Dhanbad ) झरिया के भौरा में मृत बंदर को हनुमान जी का प्रतीक मानकर लोगो ने पुरे विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार शनिवार को किया. करंट से वह कई दिन पहले बुरी तरह झुलस गया था. बस्ती के लोगो ने घायल बंदर का इलाज भी कराया लेकिन वह उसे बचा नहीं सके. शनिवार को उसकी मौत हो गई.
ग्रामीणों ने उक्त बंदर को हनुमान जी का प्रतीक मानकर कफ़न व फूल माला से शव को सजा कर हिन्दू रीति रिवाज के साथ शिव मंदिर परिसर में दफन कर दिया.पुरोहित प्रवीण झा ने पूरे विधि विधान व मंत्रोच्चारण कर अंतिम संस्कार करवाया.
लोगों का कहना था कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा होती है. और उसी दिन प्राण निकले है. जिस कारण उसके शव को हनुमान जी का प्रतीक मानकर श्रद्धा के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
रिपोर्ट :अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड
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