टीएनपी डेस्क् (TNP DESK) बेटे की तीव्र चाहत कहें या समाज का अनचाहा दवाब, एक महिला वह कर गई जिसे कानून गुनाह कहता है. रांची एयरपोर्ट पर जांच के दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने तीन दिन के बच्चे के साथ एक महिला को पकड़ा. आरोप है कि वह बच्चे को 22 हजार रुपए में खरीदी थी, और अब मुम्बई ले जा रही थी.
क्या है मामला

निखत परवीन (36) का पति मुम्बई के एक होटल में काम करता है. 11 जनवरी को वह मुम्बई से रांची फ्लाइट से अकेली ही आई. 13 जनवरी को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से वापस मुम्बई जा रही थी, तो उसकी गोद में तीन दिन का नवजात था. टिकट में नवजात का कोई जिक्र नहीं था. इसलिए उसे रोका गया. इंडिगो के काउंटर पर वह बच्चे का नाम जुड़ाने गई. जब उससे बच्चे का नाम पूछा गया तो वह हड़बड़ा गई. शक के घेरे में आने पर उसके टिकट की जांच की गई तो पता चला कि 11 जनवरी को वह अकेली मुम्बई से आई है. पुलिस से पूछताछ के क्रम में उसने बच्चे खरीदने की बात कुबुल की, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
निखत परवीन की दो बेटियां ही हैं. उसने बताया कि बेटे की चाह में उसने इस बच्चे को खरीदा था. बकौल परवीन, उसे बगोदर की एक महिला से रतनी नामक महिला को जुड़वां बच्चे होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद ही उसने रतनी से संपर्क कर उसका बेटा 22 हजार रुपए में खरीदा.


आगे क्या
बच्चे को करुणा आश्रम भेज दिया गया है. निखत के विरूद्ध एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट रांची में अपहरण और बच्चे की मानव तस्करी और जेजेएक्ट धारा 75 व 81 के तहत प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है. बच्चा बेचने वाली महिला की तलाश की जा रही है. उससे भी बयान लिया जाएगा कि आखिर क्यों उसने अपने बेटे को बेचा! पैसे की मजबूरी है या और कुछ मामला. 
बहरहाल, इस घटना ने जहां एक बार फिर झारखंड में मानव तस्करी के मामलों को उजागर किया है, वहीं सामाजिक-पारिवारिक तानो-बानों पर भी पुर्नविचार को मजबूर किया है जहां बेटे की चाह में गुनाह तक करते महिलाएं हिचकती नहीं.