लोहरदगा(LOHARDAGA): ये बात पुरानी हो गई जब सिर्फ बेटे ही परिवार के सदस्यों को मुखाग्नि देते थे. बदलते दौर में समय के साथ लोगों की सोच भी बदलने लगी है. अब महिलाएं रूढ़िवादी परंपरा को दरकिनार कर महिला सशक्तिकरण की ओर अपना कदम बढ़ा रही हैं. जहां पूरा समाज बेटे की चाहत रखता है वहीं लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखण्ड के बरही ग्राम में एक पिता को उसकी दस वर्षीय बेटी ने मुखाग्नि दी. सेन्हा थाना क्षेत्र के बरही निवासी रितेश कुमार साहू जो काफी दिनों से बीमार थे, बीती रात शनिवार को उनका निधन हो गया. इसके पश्चात समस्या उत्पन्न हुई कि मुखाग्नि कौन देगा? चूंकि इनकी सिर्फ एक बेटी के अलावे कोई दुसरा संतान नही है और ना ही परिवार में कोई सदस्य है, जो मुखाग्नि दे सकता है. शनिवार को जब दिवंगत रितेश साहू की अंतिम यात्रा घर से शुरू होकर बरही मुक्तिधाम पर पहुंची, तो उनकी बेटी मिस्टी ने बेटे की तरह अंतिम संस्कार किया और पिता की शव को मुखाग्नि दी.

रिपोर्ट: गौतम लेनिन, लोहरदगा