जमशेदपुर(JAMSHEDPUR) - पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल के गुडाबांधा प्रखंड के सबसे बीहड़ और दुर्गम गांव मटियालडीह के ग्रामीणों ने एक अच्छी पहल की है. डेढ़ सौ परिवारों वाले इस गांव में जब किसी भी सूरत में सड़क नहीं पहुंच पाई तो ग्रामीणों ने गया के माउंटेन मैन दशरथ मांझी से प्रेरणा लेकर ,खुद ही श्रमदान कर सड़क बनाने का निर्णय लिया है. दरअसल इस सड़क का हाल ऐसा है कि इसपर पैदल चलना भी जानलेवा है. कोई बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल तक पहुंचाना एक बड़ी समस्या रहती है. हाल ही एक गर्भवती महिला को जब अचान प्रसव पीड़ा होने लगी तो उसे खाट पर सुला कर कैसे कैसे लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, यह याद करते यहां के लोग सिहर उठते हैं. सड़क को लेकर ग्रामीण पहले भी कई बार गुहार लगा चुके हैं. चुनाव का समय आते ही जनप्रतिनिधि सड़क बनाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव समाप्त हो जाता है, वे वादा भूल जाते हैं.
बीमार को अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल
दरअसल झारखंड राज्य बनने से पहले अविभाजित बिहार राज्य के समय से ही गांव के लोग कच्ची सड़क पर आना-जाना करते हैं. सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है, जब मिट्टी का ये रास्ता दलदल के रूप में बदल जाता है. हाथ में चप्पल लेकर इस दलदली मिट्टी के रास्ते से लोगों का आना जाना पड़ता था. वहीं अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए, तब उसे खाट पर ढो कर मुख्य सड़क तक लाना होता है. हद तो तब हो गई जब गांव में एक गर्भवती महिला को खाट कर ढो कर मुख्य सड़क तक लाया गया तब जाकर उसे अस्पताल पहुंचाने नसीब हुआ. इसके अलावे इस गांव में एक वृद्ध महिला है जिसे सप्ताह में एक दिन खाट पर लादकर मुख्य सड़क लाकर फिर अस्पताल भेजा जाता है. इन सभी समस्याओं को देखते हुए यहां के ग्रामाणों ने खुद ही इस परेशानी से निकलने का रास्ता खोल निकाला और शुरू कर दी रास्ते की मरम्मत. बता दें कि मटियालडीह गांव में 150 ग्रामीण रहते हैं. वे गांव से मुख्य सड़क तक आने के लिये मिट्टी के रास्ते का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में ग्रामीण आपदा में अवसर का सही उदाहरण पेश कर रहें है. जहां ग्रामीण मिलकर खुद ही श्रमदान करके सड़क को चलने लायक बनाने की कोशिश में जुट गए.
सराहनीय पहल
इस गांव में मुख्य द्वार पर पीसीसी सड़क और गांव के अंदर भी पीसीसी सड़क बनी है, लेकिन गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए कच्ची और मिट्टी की ही सड़क है. पू्र्व विधायक डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू जब घाटशिला के विधायक थे तो उनके फंड से पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया, लेकिन गांव के अंदर और मुख्य द्वार पर ही केवल पीसीसी सड़क बनायी गयी, बीच में करीब एक किलो मीटर तक सड़क नहीं बनाई गई. इस अधूरे कार्य का खामियाजा आज भी ग्रामीण भुगत रहे हैं. यही कारण है कि अब प्रशासन से बिना उम्मीद लगाए ये ग्रमीण खुद ही श्रमदान कर सड़क को चलने लायक बनाने में जुट गए हैं जो कि एक बहुत ही सराहनीय पहल है.
रिपोर्ट : अन्नी अमृता, जमशेदपुर
Recent Comments
Upendra Kumar
3 years agoअच्छी रिपोर्ट ....