टीएनपी डेस्क (TNP DEK) : देश के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज संसद भवन में मतदान हो रहा है. मतदान प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू हुई और शाम 5 बजे तक चलेगी. उपराष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे सबसे पहले वोट डाला. मतदान शुरू होने से पहले, एनडीए के सभी सांसदों ने सुबह 9.30 बजे नाश्ते की बैठक में हिस्सा लिया. मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है. लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 239 सदस्य वोट डालेंगे. मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी.

देश के आम चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव

उपराष्ट्रपति का चुनाव देश के आम चुनाव से काफ़ी अलग होता है. ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया मतगणना से अलग होती है. जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ़े के कारण रिक्त हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. एनडीए से सीपी राधाकृष्णन और 'इंडिया' ब्लॉक से बी. सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं. मंगलवार को तय होगा कि इन दोनों नेताओं में से कौन देश का नया उपराष्ट्रपति होगा.

उपराष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया

संसद के दोनों सदनों के सदस्य उपराष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं. राज्यसभा और लोकसभा के सांसद मतदान में हिस्सा लेते हैं. इस प्रकार, संसद सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हैं. यह आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है और 'एकल संक्रमणीय मत प्रणाली' के माध्यम से गुप्त रूप से मतदान होता है.

सांसदों को स्वयं उपस्थित होकर अपना गुप्त मतदान करना होता है. मतदान करते समय वे किसी अन्य सदस्य की सहायता नहीं ले सकते. यदि कोई सांसद एहतियातन हिरासत में है, तो केवल तभी वह डाक द्वारा मतदान कर सकता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव मतपत्रों के माध्यम से होता है. मतपत्र सफेद रंग के होते हैं और उनमें दो कॉलम होते हैं. एक कॉलम में उम्मीदवारों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में होते हैं और दूसरे कॉलम में मतदान के लिए रिक्त स्थान होता है. रिक्त स्थान में, मतदाताओं को अपनी पसंद 1 या 2 दर्ज करनी होती है. ये हिंदी या अंग्रेजी में हो सकती हैं. विकल्प केवल संख्याओं में लिखे जा सकते हैं, शब्दों में नहीं.

उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान के लगभग एक घंटे बाद मतगणना प्रक्रिया शुरू होगी. मतगणना के लिए सबसे पहले सभी मतपत्रों की छंटाई की जाएगी. इसमें वैध और अवैध मतपत्रों को अलग किया जाएगा. इसके बाद, वैध मतों की संख्या के अनुसार कोटा तय किया जाएगा. वैध मतों की संख्या को दो से भाग देकर और फिर उसमें एक जोड़कर कोटा प्राप्त किया जाएगा.

उदाहरण के लिए, यदि कुल वैध मत 750 हैं, तो कोटा 376 होगा. इस प्रकार, प्रथम वरीयता के मतों के कोटे से अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा. यदि मतगणना के पहले चरण में किसी को भी बहुमत नहीं मिलता है, तो सबसे कम मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है. उसके मत अगली प्राथमिकता के अनुसार अन्य उम्मीदवारों को हस्तांतरित कर दिए जाते हैं. यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक कि किसी उम्मीदवार को बहुमत प्राप्त न हो जाए.