रांची: पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद उत्पन्न देश की परिस्थितियों को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासी और सरना धर्म कोड की मांग को लेकर तय किए गए आंदोलन कार्यक्रम को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने आज रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विगत 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा किए गए हमले में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद देश की परिस्थितियों में बदलाव आया है. सीमा पार से जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, उसका भारतीय सेना मुँहतोड़ जवाब दे रही है.

विनोद पांडे ने कहा कि निश्चित रूप से आदिवासी और सरना धर्म कोड की मांग एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन जिस तरह से पड़ोसी मुल्क द्वारा उकसावे की कार्रवाई की जा रही है, उसका जवाब हमारे जवान दे रहे हैं. यह वक्त देश के जवानों के साथ खड़ा होने का है. झारखंड मुक्ति मोर्चा भी देश के जवानों के साथ पूरी निष्ठा के साथ खड़ी है.

ज्ञात हो कि झारखंड में आदिवासी और सरना धर्म कोड की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है. इससे पूर्व भी राज्य के अलग-अलग जिलों में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर आदिवासियों द्वारा कई आंदोलन किए गए है. इस मांग के तहत वे चाहते हैं कि सरना धर्म को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता दी जाए, न कि किसी अन्य श्रेणी में रखा जाए. सरना धर्म कोड झारखंड के ज्वलंत मुद्दों में से एक है, जिसका हेमंत सरकार और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी समर्थन करती है

 

रिपोर्टर: श्रेया