टीएनपी डेस्क (TNP DESK) - झारखंड एक अलग राज्य बने करीब 22 साल हो गए है. लेकिन झारखंड और बिहार के लोगों और उनके दिलों के बीच कभी भी दूरी नहीं आई. बता दें कि झारझंड की आबादी में करीब 30 प्रतिशत लोग बिहार के रहने वाले है. ऐसे में दोनों ही राज्य के लोग न जाने कितनी बार बिहार और झारखंड की यात्रा करते है. झारखंड में रहने वालों में से किसी का गांव बिहार में है, तो किसी का परिवार वहां रहता है. इस कारण लोग अपने गांव और चाहने वालों से मिलने लगातार झारखंड-टू-बिहार और बिहार-टू- झारखंड आते-जाते रहते है. यही कारण है कि कभी-कभार रेल और बसों की टीकट (ticket) मिलना मुश्किल हो जाता है. कारण है – ज्यादा आबादी और सीमित यात्रा का साधन. लेकिन परिवाहन विभाग लोगों के लिए खुशखबरी लेकर आया है. विभाग ने लोगों को पांच हजार नई बसों की सौगात दी है. विभाद के इस प्रयास से झारखंड-बिहार के लोगों को काफी सुविधा मिलेगी.
यात्रियों को होगी सहूलियत
बहुत जल्द झारखंड और बिहार के बीच पांच हजार बसें चलेंगी. इसका परिचालन दोनों राज्यों के अलग-अलग शहरों के बीच से होगा. परिवाहन विभाग ने विभागीय समीक्षा में 200 रुटों की पहचान की है. जहां से नई बसें चलने की संभावना जताई जा रही है. इस योजना को धरातल तक पहुंचाने के लिए बिहार के परिवहन विभाग ने सभी बस मालिकों को 13 जून तक आवेदन जामा करने का समय दिया है. इसके बाद किसी भी आवेदन को स्विकार नहीं किया जाएगा. वहीं 30 जून को राज्य परिवहन प्राधिकारी की बैठक में सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा. लोगों की बढ़ती संख्या और बसों के सीमित परिचालन से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. लोगों की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने यह सराहनीय प्रयास किया है. अगर यह पहल धरातल पर जल्द और सफलतापूर्वक उतरें ता यात्रियों को बहुत हद तक सहूलियत मिल पाएंगी.
4907 और बसें चलने की संभावना
हिन्दुस्तन में प्रकाशित रिपोर्टस के अनुसार बिहार और झारखडं के बीच 6160 बसों का परिचालन होना संभव है. फिलहाल दोनों राज्यों के बीच केवल 1253 बसें ही चल रही हैं. वहीं 4907 और बसें चलने की संभावना है. पर्याप्त बसों के परिचालन से न केवस लोगों को सहूलियत मिलेगी, ब्लकि राज्य को बसों से मिले वाले टैक्स से अच्छी-खासी राजस्व की कमाई होगी.
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