कोडरमा (KODERMA): तिलैया डैम नौका विहार, उचे-उचे पहाड़, विदेशी पक्षी और दूर-दूर से आए सैलानियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां का नज़ारा काफी मनोरम और अदभूद है. पहली बार पहुंचे पर्यटक को यहां विदेश की वादियों का अनुभव होता है. एक पल के लिए तो लोग विश्वास ही नहीं कर पाते कि यह हमारा ही प्यारा राज्य झारखंड है. जो कि काफ़ी सुन्दर है. यह झारखंड के एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है. बिहार के नालंदा में बने ग्लास ब्रिज के बाद अब झारखंड के कोडरमा के तिलैया डैम में भी ग्लास ब्रिज बनाने की तैयारी है. इसी के लेकर कोडरमा उपायुक्त ने मंगलवार को पूरे तिलैया डैम इलाके का दौरा किया. कहा कि जल्द ही यह ग्लास ब्रिज बनकर तैयार होगा. कोडरमा के लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के लोगों को एक नई सौगात मिलेगी. इसके लिए इन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है.
तिलैया डैम का एतिहास
बता दें कि तिलैया डैम भारत का पहला बांध है, जिसका निर्माण भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हुआ. तिलैया डैम का उद्घाटन 21 फ़रवरी 1953 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था. इस बांध की लम्बाई 1200 फीट और ऊंचाई 99 फीट है. प्रसार 36 वर्ग किलोमीटर में है. इस बांध का देख-रेख दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation - DVC) करता है. आज वहीं 7 जुलाई 1948 को दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation - DVC) की स्थापना हुई थी. DVC अब देश की अग्रणी बिजली उत्पादन कंपनी बन गई है. यहां पन बिजली के साथ-साथ ताप बिजली का भी उत्पादन होता है.
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करोड़ों के खर्च पर होती है रेख-देख
तिलैया डैम में झारखंड ही नहीं दूर-दूर से लोग घूमने और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं. तिलैया डैम के मनोरम दृश्य को देख कर कोई भी यहां खींचा चला आएगा. झारखंड में कई पर्यटक स्थल है, जिनमें से एक झुमरी तिलैया का तिलैया डैम भी है. यहां पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर लगातार सरकार कदम उठा रही है. करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. तिलैया डैम में भी करोड़ों रुपए की लागत से सीढ़ी, सेड और नौका विहार के विकास में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. ताकि सैलानी दूर-दूर से यहां खींचे चले आए.
रिपोर्ट: अमित कुमार, झुमरी तिलैया/कोडरमा
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