टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने अन्य लोगों के साथ एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. उन पर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह से 22,842 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत उन पर आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के कथित अपराधों का आरोप लगाया गया है.

एसबीआई की शिकायत

एसबीआई ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज की थी. इस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था. बैंक ने करीब डेढ़ साल तक छानबीन करने के बाद अगस्त 2020 में एक नई शिकायत दर्ज की थी. सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की है. एसबीआई ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी द्वारा किए गए उपरोक्त सभी अवैध कार्य भारतीय दंड संहिता के तहत संज्ञेय अपराध हैं और ये अपराध आरोपी द्वारा विशिष्ट इरादे से किए जाते हैं इससे जो बैंक क्रेडिट सुविधाओं को मंजूरी दी थी, उन बैंक (बैंकों) को नुकसान होता है, जिन्होंने क्रेडिट सुविधाओं को मंजूरी दी थी.

मामला क्या है?

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड को 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण सुविधा स्वीकृत की गई थी. इस तरह एसबीआई पर 2468.51 करोड़ रुपए का एक्सपोजर था. फोरेंसिक ऑडिट के अनुसार, 2012-17 के बीच, आरोपियों ने एक साथ मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों जैसे कि हेराफेरी, धन का डायवर्जन और आपराधिक विश्वास का उल्लंघन किया. फंड को जिस उद्देश्य के लिए बैंकों ने जारी किया था उसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था. यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है.

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड

एबीजी मुंबई की जहाज निर्माण कंपनी है. यह विविध व्यावसायिक हितों के साथ एबीजी ग्रुप ऑफ कम्पनीज का हिस्सा है. कंपनी की स्थापना 1985 में हुई थी, जिसका मुख्यालय मुंबई में है. गुजरात के दहेज और सूरत में इसका जहाज निर्माण कार्य है. अक्टूबर 2010 में वेस्टर्न इंडिया शिपयार्ड लिमिटेड के अधिग्रहण के बाद, यह गोवा में भी एक शिप रिपेयर यूनिट को संचालित करता है. 20 टन वजन तक के जहाजों के निर्माण की क्षमता के साथ ही एबीजी सबसे बड़ी निजी जहाज निर्माण कंपनियों में से एक बन गई चुकी थी.