टीएनपी डेस्क(TNP DESK):  एक समय में एक दूसरे के लिए दोस्ती की मिसाल बने फिरने वाले पाकिस्तान और तालिबान आज एक दूसरे के दुश्मन बन चुके हैं. स्थिति ये है कि दोनों के बीच कभी भी युद्ध हो सकता है.

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान में आंतकियों के बढ़ते कदम से तालिबान गुस्से में है और उसने UNSC में कहा है कि, आतंक का समर्थन करने वालों को खिलाफ कार्रवाई जरूरी है. वहीं अफगानिस्तान ने बॉर्डर पार से पाकिस्तानी आर्मी द्वारा लगातार हो रहे हमले के लिए भी पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उसने सुरक्षा परिषद से गुहार लगाई है कि वो इस मामले पर हस्तक्षेप करें. क्योंकि, पाकिस्तानी आर्मी द्वारा उनके नागरिकों को बिना कारण मारा जा रहा है. 

मस्जिद हमले में हुई 30 से ज्यादा लोगों की मौत 

अफगानिस्तान और  पाकिस्तान में जब से तकरार शुरू हुआ है तब से ही अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं. 29 अप्रैल को ही काबुल की एक मस्जिद में धमाका हुआ था, जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे. अफगानिस्तान में इस तरह का ये कोई पहला हमला नही है, इससे पहले भी हमले होते रहे हैं. अफगानिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमलों को लेकर सुरक्षा परिषद ने भी चिंता जताई है और हमले की निंदा की है.  सुरक्षा परिषद ने इसके साथ ही आतंक का समर्थन, उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने वालों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

आतंक का समर्थन करने वालों पर कार्रवाई जरूरी

यूएनएससी ने मस्जिद हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आतंक का समर्थन करने वालों को न्याय के कटघरे में लाना होगा. इस दौरान सुरक्षा परिषद ने सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ मदद की अपील की. यूएनएनसी की ओर से कहा गया कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व शांति के लिए खतरा है. 

डूरंड लाइन बनी दोनो देशों के बीच विवाद की मुख्य वजह

बता दें कि आठ महीने पहले तक पाकिस्तान और तालिबान बहुत ही अच्छे दोस्त थे. अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए तालिबान की सबसे ज्यादा मदद पाकिस्तान ने ही की थी.  मगर, यही तालिबान अब पाकिस्तान के लिए चिंता बन गया है. हालांकि, गलती पाकिस्तान की ही मानी जा रही है. क्योंकि, पाकिस्तान अपना फायदा देखते हुए डूरंड लाइन पर बाड़ लगाना चाहता था. जो तालिबान को बिलकुल भी मंजूर नहीं था. बस फिर क्या था, तभी से दोनों देशों के बीच हालात बिगड़ते चले गए और स्थिति अब युद्ध जैसी बन गई है.