टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सहायक पुलिस कर्मियों का अवधि विस्तार अब पूरे राज्य का मुद्दा बन चुका है. सहायक पुलिस कर्मियों का अनुबंध आधारित कार्यकाल आग के महीने में खत्म होने जा रहा है. ऐसे में बीते दिनों हुए कैबिनेट की बैठक में सहायक पुलिस कर्मियों ने यह उम्मीद लगाई थी की शायद इस बैठक में सरकार उनके हित में कोई निर्णय लेगी, पर ऐसा नहीं हुआ. बीते दिनों आयोजित कैबिनेट के बैठक के दौरान कुल 21 प्रस्तावों पर मोहर लगी पर उनमें सहायक पुलिस कर्मियों के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में सहायक पुलिस कर्मियों के बीच तनाव की स्थिति बरकरार है.
इसी मुद्दे को लेकर झारखंड सहायक पुलिस ने X हैंडल पर पोस्ट कर राज्य सरकार से गुहार लग है. उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा की, "माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM महोदय, 13000 में, इस मंहगाई में कैसे घर परिवार चलेगा. एक सामान्य पुलिसकर्मी को जितना भता (TA, DA, HRA और अन्य भता) मिलता है उतना हम सभी को परिश्रमिक नहीं मिलता है गांव में एक मजदूर 08 घंटे काम करने का 600 से 700 रू लेता है कृपा विचार करें. अब हम सभी का अनुबंध भी खत्म होने वाला है विगत 08 वर्षों से समस्त सहायक पुलिस एक मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं अपने भविष्य को लेकर. उपरोक्त बातों पर ध्यान देते हुए हम सभी का एक स्थायी समाधान निकालते हुए स्थायी करने की कृपा की जाए ताकि प्रत्येक वर्ष अपने नौकरी जानें का चिंता न सताए. इसके लिए समस्त झारखंड सहायक पुलिस 'सरकार' का आभारी रहेंगे. एवं अपने कर्तव्य का निर्वहन बिना कोई चिंता किए हुए कर सके." इस पोस्ट में राज्य के मंत्री इरफान अंसारी, मंत्री दीपिका पांडे सिंह, मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, मंत्री चमरा लिंडा, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के साथ झारखंड CMO, झारखंड पुलिस और जेएमएम झारखंड को भी टैग किया गया है.
इस पोस्ट से सहायक पुलिस कर्मियों की चिंता साफ नजर आ रही है और उनकी यह चिंता जायज़ भी है. ऐसे में सहायक पुलिस चाहते हैं की झारखंड सरकार द्वारा उनके हित में कोई भर्ती निकली जाए, या फिर इन जवानों को कहीं समायोजित करने का कोई रास्ता निकाला जाए. वहीं अगर इन सहायक पुलिस कर्मियों के लिए समय रहते समायोजन या किसी दूसरी भर्ती प्रक्रिया के तहत इन्हें रोजगार नहीं मिल तो यह लोग बेरोजगार होने को मजबूर हो जाएंगे.
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