टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में JPSC 11वीं से 13वीं परीक्षा में फिर धांधली हुई है. कई बड़े आरोप लगे हैं. यहां तक की अब राज्यपाल संतोष गंगवार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में इस बात का भी जिक्र है कि परीक्षा प्रक्रिया में थर्ड पार्टी एजेंसी को भी शामिल किया गया है, जिससे परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई है. इतना ही नहीं जेपीएससी की 11वीं, 12वीं और 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितता को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई कल यानी की 3 जुलाई को हाईकोर्ट में होनी है.

नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता बरतने का आरोप

इन परीक्षाओं को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि परीक्षा की आंसर शीट का मूल्यांकन डिजिटली किया गया है. वहीं आयोग के निर्धारित स्टैन्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में उमीदवारों की आंसर शीट को देखने का नियम है पर डिजिटल मार्किंग में यह संभव नहीं है. ऐसे में अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका दोबारा जांचने का अवसर नहीं मिला. साथ ही अभ्यर्थियों ने उम्मीद जताई है कि उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किसी अनुभवी या स्नातकोत्तर शिक्षक से नहीं बल्कि अनुबंध आधारित और अयोग्य शिक्षकों से कराया गया है.

आंसर की में हेराफेरी का आरोप

वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है और उनके अंकों को जानबूझकर कम किया गया है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि नतीजों में भी धांधली की गई है और कुछ अयोग्य अभ्यर्थियों को गलत तरीके से पास कर दिया गया है.

दांव पर छात्रों का भविष्य

ऐसे में सवाल सिर्फ आयोग पर ही नहीं बल्कि सरकार पर भी है कि जब मेरिट लिस्ट जारी करने का समय आया है तो जांच के आदेश दिए जा रहे हैं और साथ ही इस जांच की जरूरत क्यों पड़ी. इन सवालों के बीच फंसे झारखंड के छात्रों का भविष्य भी एक बार फिर दांव पर है और यह भी चिंता का विषय है कि उन्हें इस बार यह नौकरी मिलेगी या नहीं. आपको बता दें कि जेपीएससी 11वीं से 13वीं की परीक्षा पिछले साल सितंबर में हुई थी, जिसके बाद रिजल्ट प्रकाशित हुआ और इंटरव्यू हो चुका है. ऐसे में अब बारी थी मेरिट लिस्ट जारी करने की, जिसके पहले ही इस तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं और जांच के आदेश दिए गए हैं.