पटना(PATNA): मंगलवार को पटना में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर हरियाणा के भूत पूर्व डीजीपी शील मधुर ने कहा कि आज हम लोग आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. परन्तु आजादी के संघर्ष में स्वतन्त्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के प्रतीक तिरंगे के सम्मान में अभी तक सरकारों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस की घोषणा नहीं हो पायी है. ये एक बड़ी ऐतिहासिक चूक है जिसको ठीक करने के लिए वे पिछले डेढ़ वर्षो से लगातार प्रयत्न किये जा रहे हैं और राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की आवाज बुलंद की जा रही है. शील मधुर ने बताया कि विश्व में सभी देश अपने देश में राष्ट्रीय ध्वज दिवस बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. जिससे आम नागरिक में देश भक्ति की भावना और प्रबल होती है. देश की एकता अखंडता आपसी समरसता, सहिष्णुता की भावना और मजबूत होती है. तिंरगा हमें आपसी मेल जोल, शांति, सतत विकास के पथ पर चलकर हर देशवासी का जीवन खुशहाल बनाने का संदेश देता है.
सभी देशवासियों से 22 जुलाई को तिरंगा दिवस मनाने की भी अपील की
उन्होने बताया कि ( हर-हर तिरंगा घर-घर तिरंगा) का अभियान भी पिछले डेढ़ वर्षों से चला रखा है और इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि उनकी टीम का यह प्रयास विफल नहीं गया. क्योंकि केन्द्र सरकार ने हर हर तिरंगा घर घर तिरंगा की भावना का आदर करते हुए पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान शुरू करने की घोषणा की है. इसके लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया और उम्मीद जतायी कि यह अभियान जन जन तक पहुँचने में कामयाब रहेगा. शील मधुर ने सभी देशवासियों से अपील की कि आगामी 22 जुलाई को तिरंगे के सम्मान में तिरंगा दिवस मनाने का निश्चय करें. उन्होंने बताया कि वे और उनकी टीम इस वर्ष 17 जुलाई से 24 जुलाई तक एक सप्ताह का तिरंगा सम्मान समारोह सप्ताह मनाने का संकल्प ले चुके हैं. सभी देशवासियों से अपील की कि वे देश प्रेम के इस प्रयास को समर्थन दें.
केन्द्रीय सरकार शीघ्र अति शीघ्र भारतीय राष्ट्र ध्वज दिवस की घोषणा करें
उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की इसी वर्ष 22 जुलाई को तिरंगा दिवस के रूप में मनायें और 17 जुलाई से 24 जुलाई तक तिरंगा मेरी शान कार्यक्रमों का आयोजन हो. उन्होंने बताया कि 22 जुलाई ही राष्ट्रीय ध्वज दिवस के लिए सर्वाधिक उपर्युक्त है. क्योंकि इसी दिन 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे के मौजूदा स्वरूप और मापदण्डों का सृजन किया था और स्वीकृति दी थी. उन्होंने आगे कहा कि भारी संख्या में तिरंगा सेना में शामिल हो कर केन्द्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज की घोषणा करवाने के लिए एक जुट हों. लोगों को जोड़ने के लिए तिरंगा सेना नामक एप को भी लान्च किया जो saadarindia.com वेबसाईट पर उपलब्ध है. हरियाणा के भूत पूर्व डीजीपी शील मधुर ने खुशहाल एवं सशक्त भारत के निर्माण की प्रेरणा देने वाले, देश की एकता तथा अखण्डता के प्रतीक तिरंगे के सम्मान हेतु 22 जुलाई का दिन राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में घोषित करने की अपील प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से की. उन्होंने बताया कि भारत के महामहिम राष्ट्रपति को भी इस बारे में ज्ञापन सौंप चुके हैं और अनुरोध किया कि केन्द्रीय सरकार शीघ्र अति शीघ्र भारतीय राष्ट्र ध्वज दिवस की घोषणा करें.
बिहार और झारखंड की धरती शहीदों की और क्रान्तिकारी परिवर्तनों की जननी
शील मधुर ने आगे कहा कि बिहार और झारखंड की धरती शहीदों की और क्रान्तिकारी परिवर्तनों की जननी रही है. यहां पर अनेक वीर शहीद विशेषकर वीर कुंवर सिह, वीर सिद्धू वीर कानू तथा वीर बिरसा मुण्डा एवं जय प्रकाश नारायण जैसे महानपुरूषों ने अपनी विषम परिस्थितियों में अपनी आजादी और लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक गरिमामय प्रयास कर देश हित में कार्य किया और सफलता भी प्राप्त की.
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