रांची(RANCHI): झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन घाटशिला चुनाव प्रचार के आखरी दिन इस्तीफे वाले दिन को याद कर भावुक हो गए. कैमरे के सामने कई खुलासे कर दिए और आँख डबडबा गई. चंपाई ने सीएम हेमंत पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि विधायक दल की बैठक में 56 विधायकों के सामने उन्हे बेइज्जत किया गया.वह चाहते तो इस्तीफा नहीं देते लेकिन वह गुरुजी के साथी है. पार्टी के फैसला को माना.
चंपाई सोरेन ने घाटशिला में प्रेस वार्ता कर कई सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सोरेन उनपर सवाल उठा रहे है. उन्होंने शुरू से झारखंड मुक्ति मोर्चा को संभाला है. 0 से शिखर तक पहुंचाया. लेकिन आखिर में उन्हे इसके बदले अपमान मिला. जितने भी सीनियर लीडर है सभी हर दिन अपमानित होते है. उन्होंने कहा कि हेमंत ने उनका अपमान किया है. और चुनाव में उनपर फिर सवाल उठा रहे हैं.
बैल वाले बयान पर चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की जमीन उन्होंने तैयार की है. सिर्फ जमीन ही नहीं फसल भी लगाया लेकिन उस फसल को हेमंत काट रहे है. संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी दे दी थी. इसमें हेमंत का एक जरा भी योगदान नहीं है. हेमंत सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे है. जबकि जमीन को कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर उन्होंने बनाने का काम किया है.
इस्तीफे वाले दिन चंपाई के साथ क्या हुआ
विधायक दल की बैठक से पहले चंपाई सोरेन ने बताया कि उनके सभी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. सीएम रहते हुए भी उन्हे कोई निर्णय नहीं लेने दिया जा रहा था.जब विधायक दल की बैठक बुलाई गई तब उसमें भी उनकी बात को नहीं सुना गया. सीधा इस्तीफा देने का फरमान सुना दिया गया. इस समय उनके सामने 56 विधायक बैठे थे. सभी के सामने उन्हे अपमानित किया गया. अपमान इतना हुआ की उनके आँख से आँसू निकल गए. लेकिन हेमंत अपनी बात पर अड़े रहे. सब के सामने बेइज्जत कर दिया गया.

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