धनबाद(DHANBAD): घाटशिला में जहां खूब जुबानी जंग हुई, होनी भी स्वाभाविक थी. जिस इलाके में झारखंड के पांच पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार कर रहे हो,भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों की धमक हो, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन "बैल" की बात करते हो, वहां झामुमो की एक ऐसी नेत्र भी थी. जो इन सबों से दूर रही. यह थी गांडेय विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन. वह सभी जगहों पर अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही थी. साथ ही साथ एक नई राजनीति की परिभाषा गढ़ने की कोशिश भी कर रही थी. मंच पर जब वह पहुंचती , तो विपक्षी नेताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है.
भाषणों में मर्यादा और शालीनता बनाये रखने की कोशिश करती
वह किसी के बारे में बहुत कुछ अपशब्द नहीं कहती. तर्कों से अपनी बात रखती हैं, सरकार की उपलब्धियां गिनाती हैं, लेकिन अपनी भाषा में मर्यादा ,शालीनता बनाए रखना नहीं भूलती. दरअसल, नेता अपनी ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए ऊल जुलूल और अप शब्दों का सहारा लेते हैं, लेकिन कल्पना सोरेन बिल्कुल इससे दूर रहती है. वह राजनीति में विचारों की लड़ाई को आगे बढ़ना चाहती है. अगर वह अपने मकसद में सफल हुई, तो आने वाले समय में शालीन भाषा ही "मॉडल" बन सकता है. यह बात भी सही है कि हेमंत सोरेन के 2024 में जेल जाने के बाद वह राजनीति में आई और उसके बाद छा गई.
गिरिडीह की पहली चुनावी सभा में उनकी आंखों में इस वजह से आंसू थे
गिरिडीह की पहली चुनावी सभा में उनकी आंखों में आंसू थे. हेमंत सोरेन के जेल जाने से वह दुखी थी. आंख में आंसू आने की वजह से उन्हें बीच में ही अपना भाषण रोकना पड़ा था. लेकिन उसके बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखी . 2024 के विधानसभा चुनाव में तो स्थिति यह बन गई थी कि गठबंधन के दूसरे दल के लोग भी अपने इलाके में कल्पना सोरेन की सभा कराने की इच्छा व्यक्त करने लगे थे. कल्पना सोरेन फिलहाल गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक है. घाटशिला उपचुनाव में भी वह झामुमो की स्टार प्रचारक थी . कहा तो यही जाता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक सशक्त, ऊर्जावान, लोगों से सीधा कनेक्ट करने वाली नेत्री मिल गई है. कई मौकों पर इस कल्पना सोरेन ने साबित कर भी दिखाया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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