टीएनपी डेस्क(TNP DESK): केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है. इससे पहले उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी. बता दें कि खुफिया एजेंसी की इनपुट के आधार पर अंबानी की सुरक्षा बढ़ाया गई है. वहीं, इस सुरक्षा पर होने वाले खर्च का भुगतान खुद रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) करेगी.
Z और Z+ सुरक्षा में क्या अंदर
बता दें कि Z+ सिक्योरिटी सिर्फ VVIP को मिलती है. इसे देश के प्रधानमंत्री को मिलने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group) के बाद दूसरे स्तर की सबसे तगड़ी सिक्योरिटी है. Z+ में चारों तरफ से 58 जवान सुरक्षा में रहते हैं. पांच या उससे ज्यादा बुलेटप्रूफ कारें (Bullet Proof Car) भी होती हैं. 10 NSG या आर्म्ड स्टैटिक गार्ड होते हैं. इसके अलावा 15 पुलिस कमांडो. 6 PSO, 24 जवान, 5 वॉचर्स, एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर बतौर इंचार्ज रहता है. इनके अलावा अंबानी घर आने-जाने वाले लोगों की जांच के लिए 6 जवान और छह प्रशिक्षित ड्राइवर भी होते हैं. वहीं, Z कैटेगरी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इसमें 4 से 6 NSG कमांडो (NSG Commando) होते हैं. साथ ही दिल्ली पुलिस या CRPF के जवान रहते हैं. इसके अलावा अंबानी के पास अपनी पर्सनल सुरक्षा गार्डस भी हैं.
20 लाख रुपए होता है खर्च !
एक रिपोर्ट के मुताबिक जेड प्लस (Z+) सिक्योरिटी कवर पर लगभग 20 लाख रुपये महीने का खर्च आता है. हालांकि ये खर्च समय के अनुसार बढ़ता है लेकिन अंबानी Z+ सिक्योरिटी का सारा खर्च खुद देंगे. सिक्योरिटी में लगे जवानों का खर्च रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) उठायेगा.
भारत में कितनों के पास सुरक्षा
फिलहाल देश में कितने लोगों के पास सुरक्षा है इसका कोई ताजा आंकड़ा नहीं है. लेकिन पिछले साल 9 मार्च को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री ने बताया था कि 230 लोग ऐसे हैं जिन्हें केंद्र सरकार सुरक्षा दे रही है. राज्य सरकारें 19 हजार से ज्यादा लोगों को सिक्योरिटी देती हैं. ये आंकड़ा किसी भी कैटेगरी में मिली सुरक्षा का है.
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