धनबाद (DHANBAD): झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने शनिवार को अपनी लंबी चुप्पी तोड़ते हुए अपने जीवन की सबसे बड़ी पीड़ा को साझा किया. उन्होंने कहा कि “मेरे जीवन का सबसे बड़ा दुख यह रहा कि मेरे ही भाई नीरज सिंह की हत्या के मामले में मेरा नाम आ गया.”
संजीव सिंह ने कहा कि वे और नीरज सिंह बचपन से एक-दूसरे के बेहद करीब थे. “हम दोनों ने साथ खेला, बड़े हुए और हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे. ऐसे में यह कल्पना से परे था कि उस दुखद घटना में मेरा नाम जोड़ा जाएगा.”
उन्होंने बताया कि नीरज सिंह की हत्या बेहद दुखद और चिंताजनक घटना थी. “मैंने खुद इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी ताकि सच्चाई सामने आ सके,” संजीव सिंह ने कहा.
पूर्व विधायक ने आगे कहा कि राजनीति में आने के बाद परिवार और परिचितों से दूरी बढ़ गई थी, लेकिन अब उस दूरी को कम करने की कोशिश की जा रही है. “पत्रकारों से भी दूरी रही, पर अब मैं उनसे जुड़ने और बात करने की कोशिश कर रहा हूं.”
संजीव सिंह ने बताया कि वे 2017 में जेल गए थे, उस वक़्त उन्होंने अपनी पत्नी रागिनी सिंह के माध्यम से जनता तक संदेश भेजवाया था कि “लोगों के बीच रहें, उनकी भावनाओं को समझें और जनता के कार्य करें.” उन्होंने कहा, “रागिनी चुनाव हारने के बाद भी जनता के बीच सक्रिय रही हैं. हमारे परिवार की राजनीतिक परंपरा सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों के जरिए लोगों की सेवा करना है.”
अपने स्वास्थ्य को लेकर संजीव सिंह ने कहा कि वे स्वास्थ्य सुधरने के बाद ही भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे. उन्होंने कहा, “राजनीति में बने रहना ही बड़ी बात है. जीवन में बहुत कुछ सहा है, लेकिन सच्चाई एक दिन जरूर सामने आएगी.”
उन्होंने बताया कि हत्या का आरोप लगने के बाद उनके लिए यह समय बेहद पीड़ादायक रहा. “हम पांच भाई और 13 बहनें हैं. ऐसे बड़े परिवार में यह आरोप लगना मुझे अंदर से तोड़ गया. मैं आज तक नहीं समझ पाया कि मुझ पर यह आरोप क्यों लगाया गया,” उन्होंने कहा.
संजीव सिंह ने बताया कि उन्होंने 2019 में सीबीआई जांच के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. यह मामला करीब दो साल तक हाईकोर्ट में लंबित रहा. “2023 में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन सरकार ने सीबीआई को पार्टी बनाकर जवाब दिया कि जांच की जरूरत नहीं है,” उन्होंने बताया.
संजीव सिंह ने कहा कि वे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन इतना जरूर कहना चाहेंगे कि “सच्चाई एक दिन सामने आएगी और न्याय मिलेगा.”
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में झरिया के तत्कालीन डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या हुई थी, जिसके मामले में पूर्व विधायक संजीव सिंह पर आरोप लगाया गया था.
रिपोर्ट : नीरज कुमार

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