टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में एक ओर अधिकारियों को मर्सिडीज बेंज दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर राज्य के छात्रों को सही सलामत साइकिल तक नसीब नहीं है. अब यह हम नहीं कह रहे, यह बातें बयां कर रही है राज्य सरकारी स्कूलों स्थिति जो आज सबके सामने है.

हाल ही में यह खबर आई थी कि झारखंड के मुख्य सचिव के लिए अब मर्सिडीज बेंज खरीदी जाएगी. दरअसल वित्त विभाग ने स्कोडा सुपर्ब खरीदने के पूर्व निर्णय को बदला था, क्योंकि स्कोडा सुपर्ब का उत्पादन भारत में बंद हो गया है. ऐसे में पहले ऑडी-ए4 मर्सिडीज बेंज, बीएमडब्ल्यू-2 या टोयटा कैमरी में से एक खरीदने का निर्णय हुआ था लेकिन बाद में रखरखाव की समस्या के कारण मर्सिडीज बेंज खरीदी पर सहमति बनी थी. 

वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में साइकिल मिल रही है पर उनकी भी हालत बद से बत्तर होती जा रही है. इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मारंडी ने हाल ही में X पर पोस्ट कर लिखा, 'कल्याण विभाग द्वारा सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं को कबाड़ साइकिलें वितरित की जा रही हैं. साइकिलें या तो पहले से पंचर थीं, या उनके टायर-ट्यूब ही फटे हुए थे. कुछ के हैंडल ढीले तो कुछ की चेन जाम. मजबूरन बच्चे साइकिलें कंधे पर ढोते या हाथ में थामे पैदल लौटे. 

प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि हर बच्चों की योजनाएं तक इससे अछूती नहीं रही. खराब हो चुकी सारी साइकिलें वापस लेकर बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली साइकिल भेंट की जाए'. इस पोस्ट के जरिए बाबूलाल मारंडी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

अब कहीं फटे टायर-ट्यूब, कहीं ढीले हैंडल, कुछ का चेन जाम, तो कुछ साइकिल रखे रखे ही ही जंग लगकर कबाड में तब्दील हो चुके हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यहां यह है कि एक ओर सरकार अपने अधिकारियों को लाखों-करोड़ों की गाड़ियां दे रही है वहीं राज्य के छात्र जो राज्य का भविष्य हैं, उनके लिए सरकार के पास कुछ हजार में आने वाली साइकिल तक नहीं है तो इस सरकार से और क्या उम्मीद लगाई जा सकती है ?