पाकुड़ (PAKUR) : शिक्षा व्यवस्था की गंभीर अनदेखी का उदाहरण प्रथामिक विद्यालय कमरडीहा प्रखंड (अमड़ापाड़ा) में देखने को मिला, जहां दोपहर के 1:30 बजने के उपरांत भी विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजिका भरी नहीं गई थी, जबकि मध्याह्न भोजन (MDM) का वितरण पूर्व में ही संपन्न हो चुका था.
यह स्थिति केवल एक दिन की नहीं, बल्कि नियमित रूप से देखने को मिल रही है. जब इस संबंध में बच्चों से जानकारी ली गई, तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि अक्सर उपस्थिति बाद में बनाई जाती है या कभी-कभी रह भी जाती है.
इस प्रकार की लापरवाही न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, बल्कि सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न खड़े करती है. आवश्यकता है कि शिक्षा विभाग इस ओर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे.
रिपोर्ट- नंद किशोर मंडल
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