रांची(RANCHI): कुख्यात माओवादी कुंदन पाहन एक के बाद एक मामले में कोर्ट से बरी हो रहा है. अभी हाल ही में पांच करोड़ रूपये लूट मामले में कोर्ट ने कुंदन को साक्ष्य के अभाव में बरी किया था.अब एक और मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है.हलाकि कुंदन पाहन जेल में ही रहेगा. उसके खिलाफ 100 से अधिक मामला थाना में दर्ज है. कुंदन पाहन के इस केस की सुनवाई  न्याययुक्त संजीव झा की अदालत में हुई. जिसमें फैसला सुनाया है.   कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में कुन्दन पाहन को बरी किया. अभियोजन पक्ष की ओर से 2 गवाह पेश किए गए थे. वही कुंदन पाहन की ओर से अधिवक्ता ईश्वर दयाल ने पक्ष रखा था.

बता दे कि कुंदन पाहन के दस्ते के साथ दशम फॉल के पास रांची पुलिस और उग्रवादियों की मुठभेड़ हुई थी.पुलिस को सुचना मिली थी की उग्रवादियों का दस्ता किसी वारदात को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए थे. सूचना के बाद मुरी ओपी ,अँगड़ा समेत कई थाना की पुलिस नक्सलियों की तलाश में निकले.इसी बीच जोन्हा  फॉल के पास नक्सली दस्ते की गाड़ी पुलिस गाड़ी से टकरा गई.जिसके बाद नक्सली पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने लगे.
 
दोनों ओर से  दर्जनों राउंड गोली गोली चली थी, नक्सलियों के भागने के बाद उनकी गाड़ी से भारी मात्रा में नक्सल सामान और विस्फोटक बरामद किया गया था.मामला 24 अक्टूबर 2009  का है.यह ऐसा समय था जब कुंदन पाहन का आतंक पुरे इलाके में बोलता था.कुंदन के खिलाफ बुंडू, तमाड़ समेत खूंटी और रांची जिले के अलग  में 100 से अधिक मुकदमा दर्ज है.   

अगर देखे तो इससे पहले कैश लूट मामला में भी कुंदन को बरी कर दिया गया है. कुंदन पाहन पर पांच करोड़ रूपये और सोना लूटने का आरोप था. दिन दहाड़े रांची टाटा रोड पर कुंदन कैश भरे वैन को लेकर फरार हो गया था. इस मामले में भी कोर्ट में गवाह मुकर गया. जिसके  साक्ष्य और गवाह के नहीं होने पर कोर्ट ने कुंदन को बरी कर दिया. कुंदन पाहन ने 14 मई 2017 को रांची पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिया था. कुंदन ने आत्म समर्पण कर मुख्य धारा में लौटा था. जिसके बाद से जेल में बंद है. लेकिन एक एक    कर सभी मामलो में बरी हो रहा है.