धनबाद(DHANBAD:  कोरोना की तीसरी लहर पर स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिला को सतर्क रहने की सलाह दी है. मगर अन्य राज्यों से झारखंड में लोग बिना जांच के प्रवेश कर रहे है. अंतर राज्य बॉर्डर क्षेत्र में कोरोना जांच के लिए सेंटर तो बनाये गये.मगर सेंटर सिर्फ शोभा की वस्तु बनी हुई है. सेंटर में टेबल कुर्सी और बड़े बड़े पोस्टर लगे हुए है। सबसे बड़ी बात यह है की उस सेंटर में कोई स्वास्थ्य कर्मी ही नहीं है. ओमिक्रोन विश्व में अपना पांव पसार रहा है जिससे भारत भी अछूता नहीं है. WHO ने तीसरी लहर की संकेत भी जारी हो चुके हैं परंतु लोग इससे जागरूक नहीं है. केंद्र व राज्य सरकार भी पहले ही कई गाइडलाइन जारी कर चुकी हैं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सभी 24 जिले के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोर्ड में रहने को निर्देश जारी किया है. और झारखंड से सटे जितने भी जिले के बॉर्डर हैं वहां विशेष सतर्कता एवं जांच अभियान में तेजी लाने का आदेश जारी किया गया है. 

बंगाल से बिना जांच झारखंड मे प्रवेश कर रहे है लोग 

झारखंड व बंगाल के सीमा निरसा चिरकुंडा बॉर्डर पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है.  तस्वीर में आप साफ देख सकते है कि कोविड-19 जांच की तो बोर्ड लगा है.  परंतु एक भी स्वास्थ्य कर्मी शिविर में उपस्थित नहीं दिख रहे हैं. पश्चिम बंगाल से झारखंड में बिना किसी स्वास्थ्य जांच के प्रवेश कर रहे हैं.  बिना कोविड़ टेस्ट कराएं बेरोकटोक लोगों का आना जारी है.  आपको बता दे कि धनबाद में कोरोना की पहली लहर में पहला केस भी बंगाल से ही आया था.  जब एक रेलकर्मी के बाद दूसरा शिकार निरसा का एक ग्रामीण हुआ था. धनबाद में अब भी संक्रमण का ख़तरा पड़ोसी राज्यों से बना हुआ है. जब इस मुद्दे पर The news post ने निरसा ग्यारहकुंड प्रखंड विकास पदाधिकारी विनोद कर्मकार से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि हमारे सभी बॉर्डर सीमा पर कोविड जांच अभियान चल रही है.  परंतु जब ग्राउंड जीरो पर हक़ीक़त देखा गया तो वैसा कुछ भी नज़र नहीं है . तब सवाल उठता है प्रशासनिक लापरवाही व स्वास्थ्य कर्मियों की उदासीनता के कारण कहीं हम तीसरी लहर को झारखण्ड में निमंत्रण तो नहीं दे रहें है.  ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों को कोरोना प्रसार को रोकने की सर्वाधिक चुनौती होगी.