देवघर(DEOGHAR): श्रावण महीना शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माह माना जाता है, लेकिन इस श्रावण महीने के सोमवार का और भी खास महत्व होने वाला है. इस वर्ष श्रावण महीने में कुल चार सोमवार है. इस वर्ष पहला सोमवार, नागपंचमी और प्रदोष एक ही दिन पड़ने से इसका अद्भुत संयोग बन रहा है.
सुख, समृद्धि, वैभव, धन लिए आया है श्रावण
वैसे तो सावन महीने का महत्व और इसकी पवित्रता सर्वविदित है लेकिन इस बार श्रावण का यह पवित्र माह सूर्य और चंद्रमा की तिथि गणना के अनुसार सामान होने के कारण अलग महत्व रखता है. जानकारों के अनुसार इस बार श्रावण मास शुरू हो रहा है जो एक महासंयोग माना जा रहा है. गुरुवार से शुरू हो रहा श्रावन माह कष्ट हारने वाला, ज्ञान का विकास करने वाला, धन देने वाला और देश के लिए सुखी सपन्न लाने वाला बताया जा रहा है.
इतना ही नहीं इस बार श्रावण माह के सोमवार का भी दिन और तिथि कई दृष्टिकोण से खास महत्व है. इस बार पहले और तीसरे सोमवार को कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की नागपंचमी पड़ रहा है तो दूसरे सोमवार को प्रदोष तिथि है जो शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम तिथि मानी जाती है. दूसरी सोमवारी को पंचामृत से बाबा की पूजा करने से निःसंतानता दूर हो सकती है. जानकारों के अनुसार वर्षों बाद इस तरह का अद्भुत संयोग बना है. ऐसे में इस श्रावण मास के सोमवार का शिव आराधना के लिए विशेष महत्व है. दिन और तिथि के साथ ग्रह और नक्षत्र के इस दुर्लभ संयोग के कारण इस बार श्रावण मास की सोमवारी को पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलार्पण के लिए श्रद्धालों की आपार भीड़ जुटने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
रिपोर्ट: ऋतुराज सिन्हा, देवघर
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