रांची(RANCHI)- रांची निगम क्षेत्र के बाहर जमीन की बेतहाशा और बेतरतीब प्लॉटिंग पर रोक लगाने के लिए आरआरडीए ने एक बड़ा फैसला लिया है. आरआरडीए के नये नियम के अनुसार अब जमीन की प्लॉटिंग कर बेचने के पहले डेवलपर, बिल्डर, ब्रोकर या जमीन मालिक को ले-आउट प्लान पास करवाना एक जरुरी होगा, इसका उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही ऐसे डेवलपरों से जमीन की खरीद करने पर जमीन खरीददारों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.
सभी कॉलोनियों का दौरा करेगी इंफोर्समेंट टीम
आरआरडीए ने इंफोर्समेंट टीम को शहर के बाहर बसने वाले सभी कॉलोनियों का सर्वे करने का आदेश दिया है, यह टीम इन कॉलोनियों का दौरा कर आरआरडीए को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, इस रिपोर्ट में संबंधित कॉलोनियों में मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन संबंधित सूचना होगी. साथ ही सड़क की चौड़ाई और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी होगी.
मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन हुआ जरुरी
ध्यान रहे कि मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार इन कॉलोनियों में सड़क की चौड़ाई कमसे कम 22 फीट की होगी, इसके साथ ही कम्युनिटी हॉल, बच्चों के खेलने के लिए मैदान, जल निकासी की व्यवस्था करना अनिवार्य है.
कृषि योग्य जमीन की खरीद की तो हो सकती है परेशानी
दरअसल शहर के बाहर हर दिन बसते नये कॉलोनियों में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर का ख्याल नहीं रखा जा रहा है, कहीं तो कहीं तो मात्र 10 फीट की सड़क में बड़े बड़े भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जबकि कागज पर इन सड़कों की चौड़ाई काफी अच्छी दिखलाई जा रही है, दूसरी समस्या कृषि योग्य जमीन को आवासीय बताने की है, इसके साथ ही यह सूचना भी लगातार आ रही है कि इन कॉलोनियों में जमीन की बिक्री में भारी गोरखधंधा किया जा रहा है, एक ही जमीन को कई कई खरीददारों को बेचा रहा है, जब क्रेता जमीन की खरीद कर नक्शा पास करवाने के लिए आरआरडीए आता हो तो मालूम होता की यह जमीन तो पहले ही किसी और के नाम बिक्री की जा चुकी है, या जमीन कृषि योग्य भूमि है, जिसके कारण नक्शों को अस्वीकृत करना पड़ता है, अब इसी समस्या का निदान के लिए आरआरडीए ने जमीन की बिक्री के पहले आरआरडीए की स्वीकृति को अनिवार्य बना दिया है.
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