धनबाद(DHANBAD): धनबाद कोयले की खदानों के लिए जाना जाता है, तो गिरिडीह अभ्रक की खदानों के लिए जाना जाता है. यह अलग बात है कि गिरिडीह में अभ्रक की खदानें अब मरणासन्न है और अभ्रक उद्योग बेजान हो गया है. अब तक धनबाद- गिरिडीह के बीच कोई रेल लाइन नहीं है. लेकिन कई वर्षों के बाद रेलवे बोर्ड को एक बार फिर धनबाद- गिरिडीह नई रेल लाइन की याद आई है. धनबाद- गिरिडीह के बीच 50 किलोमीटर इंजीनियरिंग और यातायात सर्वे के लिए 13 लाख रुपए का आवंटन किया गया है. पिछले 5 बजटो से रेलवे इस योजना के लिए राशि का आवंटन नहीं कर रहा था.
बता दे कि रेलवे ने पिंक बुक जारी कर दिया है. एक फरवरी को संसद में बजट पेश होने के बाद से ही पिंक बुक का इंतजार किया जा रहा था. ढाई महीने बाद रेलवे ने इस नए फॉर्मेट में जारी किया है. इसी पिंक बुक में धनबाद- गिरिडीह के बीच 50 किलोमीटर इंजीनियरिंग और यातायात सर्वे के लिए 13 लाख रुपए का आवंटन किया गया है. इधर, यह भी
बताया जाता है कि धनबाद से चंद्रपुरा के बीच वाया टुंडू -निचितपुर होकर वैकल्पिक लाइन बिछाने का काम जारी है. इस रेल खंड का काम पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 629 करोड रुपए का आवंटन किया है. रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को सभी जोन का पिंक बुक जारी कर दिया है. धनबाद- चंद्रपुरा वैकल्पिक मार्ग के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 155 करोड रुपए का अधिक आवंटन किया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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