रांची(RANCHI)- झारखंड में जदयू की जड़ों को मजबूत करने की मुहिम को गहरा झटका लगा है, अब तक कई पार्टियों की सवारी कर चुके गौतम सागर राणा ने एक बार फिर से जदयू को अलविदा कह दिया है. 16 अक्टूबर 2022 को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रांची में एक कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हे पार्टी की सदस्यता दिलवायी थी. तब माना गया था कि गौतम सागर राणा एक बार फिर से झारखंड में जदयू की जड़ों को मजबूत करने में अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगे.
जेपी मुवमेंट के सिपाही का राजनीतिक सफरनामा
ध्यान रहे कि गौतम सागर राणा जेपी मुवमेंट से निकले राजनेता हैं. बागोदर विधान सभा से वह दो-दो बार विधान सभा का सफर तय करने के साथ ही वह संयुक्त बिहार में भी दो-दो बार एमएलसी रह चुके हैं, साथ ही झारखंड प्रदेश जदयू के अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी भी संभाल चुके हैं. लेकिन बाद के दिनों में उनका जदयू के मोह भंग हो गया और वह राजद की सवारी कर बैठें, राजद में उन्हे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गयी, लेकिन बाद में राजद ने अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी अभय सिंह के कंधों पर सौंप दिया और नाराज गौतम सागर राणा ने पार्टी से अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके बाद वह झामुमो से होते हुए भाजपा में शामिल हुए, लेकिन भाजपा के साथ भी उनकी राजनीति लम्बे समय तक नहीं चल सकी, और अपनी पार्टी का गठन किया. लेकिन वह इस पार्टी को भी संभाल नहीं सकें और 16 अक्टूबर, 2022 अपनी पार्टी झारखंड जनता दल का जदयू में विलय कर दिया.
लगी हुई थी जदयू प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर नजर
तब से इनकी निगाह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष पद पर लगी हुई थी, लेकिन इस बीच झारखंड की राजनीति में खीरु महतो सक्रिय हो गयें, और उन्हे राज्य सभा भी भेज दिया गया, साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी भी सौंप दी गयी, जिसके बाद इनकी नाराजगी बढ़ती चली गयी, और गौतम सागर राणा ने पार्टी को अलविदा कहने का फैसला कर लिया, हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उनकी अगली राजनीतिक यात्रा किस दल के साथ शुरु होगी.
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