दुमका (DUMKA): सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास का पैमाना होता है. झारखंड की उपराजधानी दुमका में विगत कुछ वर्षों में सड़कों का जाल बिछाया गया है. लेकिन आज हम जिस निर्माणाधीन सड़क की बात कर रहे है वह सड़क खिजुरिया स्थित राज्य सभा सदस्य शिबू सोरेन के आवास के पीछे का है. इसे सीएम हेमंत सोरेन के आवास से भी जोड़ सकते है और सबसे बड़ी बात जिस विभाग द्वारा यह सड़क बनाया जा रहा है वह विभाग भी सीएम के पास है. पहले इस विजुअल को देखिए.
खुद गिरी गड्ढे में लेकिन गोद के बच्चे को आंच भी न आने दी
तो अपने देखा कैसे एक महिला गोद में बच्चा लेकर सड़क से आते हुए घर की तरफ मुड़ती है. इस दौरान उसका पैर फिसला और सड़क किनारे नाला निर्माण के लिए बनाए गड्ढा में जा गिरी. खुद चोटिल हुई लेकिन बच्चे पर आंच भी न आने दी. अब जरा इस बुजुर्ग की व्यथा भी सुनिए जो गड्ढे में गिरी महिला की मदद के लिए घर से निकलता है लेकिन खुद लड़खड़ा कर गड्ढे में गिरने लगता है. गनीमत रही कि उस समय वह सम्भल गया लेकिन निर्माणाधीन मौत की सड़क के प्रकोप से अपने आप को नहीं बचा पाया. इनका नाम है राजेंद्र झुनझुनवाला जो गड्ढे में गिरी महिला के ससुर हैं. सड़क निर्माण के कारण दुर्घटना के शिकार हुए और आज चोटिल पैर का इलाज कराने में हजारों हजार रुपए खर्च कर रहे है.
RCD द्वारा बनाया जा रहा है सड़क, मार्च 2025 तक होना था पूर्ण
दरअसल वर्ष 2024 में RCD यानी रोड कन्स्ट्रक्शन डिवीज़न द्वारा दो सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली. पुराना दुमका से हिजला तथा खिजुरिया स्थित शिबू सोरेन आवास से मोरटंगा तक लगभग 6.5 किलोमीटर लंबी सड़क ₹ 14 करोड़ की लागत से निर्माण की स्वीकृति मिली. सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ लेकिन आज तक समाप्त नहीं हुआ, जबकि मार्च 2025 तक सड़क बनकर तैयार हो जाना था. सड़क निर्माण के साथ साथ संवेदक द्वारा सड़क किनारे नाला का निर्माण भी करना है. खिजुरिया से मोरटंगा तक सड़क लगभग बन गया लेकिन नाला का निर्माण अभी तक नहीं हुआ.
नाला निर्माण कार्य की गति है धीमी, महीनों पूर्व खोदा गया है गड्ढा, कार बनी शोभा की वस्तु
नाला निर्माण का कार्य काफी धीमी है. संवेदक द्वारा महीनों पूर्व नाला निर्माण के लिए गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों के घरों के बाहर गड्ढा बन जाने से हमेशा खतरा बना रहता है. कार घर की शोभा बढ़ा रहा है, किसी तरह पटरा के सहारे बाइक निकाल पा रहे है. आलम यह है कि अब जरूरतमंद खुद अपने घर के सामने नाला और स्लैब बनवा रहे हैं. न तो सड़क किनारे मिट्टी भरा गया है और न ही गड्ढा के पास सेफ्टी रिबन लगाया गया है.
कई गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली इस सड़क निर्माण में सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा है पालन
यह सड़क दर्जनों गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ता है. प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना इस मार्ग से होता है. मार्ग में कई विद्यालय भी है जहाँ बच्चे पढ़ने जाते हैं. इसके बाबजूद संवेदक लापरवाह बना हुआ है. संवेदक द्वारा इतना जरूर किया है कि गुरू जी आवास के पास सड़क किनारे मिट्टी भरने से लेकर नाला निर्माण और स्लैब तक ढाला गया है।अन्य जगहों पर जनता परेशान है.
कार्यपालक अभियंता ने कहा: 10 दिनों में पूर्ण होंगे निर्माण कार्य, संवेदक को लगेगा आर्थिक दंड
इस बाबत पूछे जाने पर कनीय अभियंता कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हुए, जबकि दूरभाष पर कार्यपालक अभियंता आशीष सिन्हा ने स्वीकार्य किया कि सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने में बिलंब हुआ है. मार्च 2025 तक कार्य पूर्ण होने था. उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर अतिक्रमण के कारण कुछ देरी हुई है, फिर भी 10 दिनों के अंदर कार्य पूर्ण होने का भरोसा दिया साथ ही यह भी कहा कि कार्य मे बिलंब होने के कारण संवेदक को आर्थिक दंड लगाया जाएगा.
अहम सवाल! सीएम आवास के पास बन रही सड़क में इतनी लापरवाही, किसी अनहोनी के लिए जिम्मेवार कौन?
भले ही अधिकारी कैमरा के सामने कुछ न बोले लेकिन मौत की सड़क को लेकर सवाल तो बनता है. जिस तरह बच्चे के साथ महिला गड्ढे में गिरी, अगर उसके साथ कुछ अनहोनी होती तो उसके लिए जिम्मेवार कौन होता? ऐसे कई उदाहरण है जब लोग इस सड़क निर्माण के कारण दुर्घटना का शिकार हुए और आज इलाज कराने में रुपया खर्च कर रहे है. जिस प्रकार सड़क निर्माण में लापरवाही बरती गई है उसे देखकर दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जरूरत है जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण कराने कि क्योंकि इस सड़क के साथ किसी न किसी रूप में दिसोम गुरु शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन का नाम भी जुड़ा हुआ है.
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