जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में प्री-मैच्योर बच्चों के लिए सर्फेक्टेंट थेरेपी की शुरुआत हो गई है. पहली बार यह थेरेपी 30-32 सप्ताह में जन्मे एक नवजात को दी गई. बच्चे का जन्म कीताडीह निवासी कुदुम देवगम के घर हुआ था. उसका वजन मात्र 1.4 किलो था और जन्म के बाद उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी.जिसके बाद बच्चे को शिशु रोग विभाग में भर्ती किया गया, जहां डॉ. राघवेन्द्र सिंह और टीम ने उस बच्चे की सर्फेक्टेंट थेरेपी दी.
प्रक्रिया में ईटी-ट्यूब से दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचाई गई
इस प्रक्रिया में ईटी-ट्यूब से दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचाई गई और कुछ समय तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया, डॉक्टरों ने बताया कि समय से पहले जन्म लेने के कारण बच्चे के फेफड़े और अंग पूरी तरह विकसित नहीं थे, जिसकी वजह से यह थेरेपी जरूरी थी.फिलहाल नवजात की हालत पहले से बेहतर बताई जा रही है.एमजीएम अस्पताल में यह प्रक्रिया पहली बार की गई है इसके पहले प्राइवेट हॉस्पिटल में यह प्रक्रिया होती थी एमजीएम में प्रक्रिया शुरू होने से गरीबों को बड़ी राहत मिलेगी.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
Recent Comments