धनबाद (DHANBAD) : क्या झारखंड शराब घोटाले की आंच धनबाद पहुंच गई है? आखिर ACB की जांच के बीच ही धनबाद में रांची की टीम ने छापेमारी क्यों की? शिकायत तो बहुत पहले से की जा रही थी कि धनबाद की सरकारी शराब दुकानों में अधिक एमआरपी से शराब बेची जा रही है. गड़बड़ियां भी हो रही है, लेकिन अचानक गुरुवार को रांची की टीम जब धनबाद पहुंची, तो स्थिति सेल्समैनो को  हिरासत में लेने तक पहुंच गई. कहीं ऐसा तो नहीं कि झारखंड शराब घोटाले की जांच कर रही ACB भी इस तरह की गड़बड़ियों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, और इस वजह से छापेमारी कर यह  बताने की कोशिश की गई है कि विभाग कार्रवाई कर रहा है. झारखंड का उत्पाद विभाग वैसे तो हमेशा चर्चा में रहता है.
  
झारखंड सरकार के फैसले से भी हो रही किरकिरी 
  
झारखंड सरकार के फैसले से भी किरकिरी हो रही है. सरकार ने फैसला लिया है कि शराब दुकानों की संख्या में वृद्धि की जाएगी. पंचायत लेवल पर शराब की दुकान खोली जाएगी. इधर, अगर धनबाद की बात की जाए तो गली-मोहल्ले में शराब की दुकान खुल गई है. दुकानों के आवंटन में यह नहीं देखा जा रहा है कि आम पब्लिक को इन दुकानों से कितनी परेशानी हो रही है. अंधेरा होते ही दुकानों के अगल-बगल पीने वालो का जुटान हो जाता है. सड़क जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. हर शराब दुकान के अगल-बगल चखना के ठेले लग जाते हैं, फिर क्या है- दुकान से  शराब खरीदिए और सड़क के किनारे बैठकर पीजिये. सबसे आश्चर्य की बात है कि नशा के खिलाफ भी सरकार ही अभियान चला रही है और इधर, शराब दुकानों की संख्या बढ़ाकर पियक्कड़ों को भी प्रोत्साहित कर रही है. यह अजब स्थित है. 

मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान हुआ है तेज 

थोड़ी राहत की बात है कि मादक पदार्थों के खिलाफ सरकार ने कड़ाई  शुरू की है. झारखंड के कई जिलों से लगातार गांजा बरामद हो रहे है. धनबाद से भी गांजा बरामद किया गया है. वैसे भी धनबाद का अवैध शराब से पुराना नाता रहा है, लेकिन अवैध शराब सरकारी दुकानों में बिक रही है. इसका खुलासा अधिकृत तौर पर शायद पहली बार हुआ है. ऐसे में तो उत्पाद विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल खड़ा होता है कि क्या शराब दुकानों को लाइसेंस देने के बाद दुकानदारों की मर्जी चलती है. धनबाद के शहर से लेकर गांव तक के इलाकों में अवैध शराब की फैक्ट्रियां चल रही है. बाहर से शराब भी यहां मंगाई जा रही  है. इसका खुलासा तो पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने ही पहले किया है. अभी बलियापुर में एक करोड रुपए की शराब पुलिस ने जब्त किया था. उसके बाद भी उत्पाद विभाग की  नहीं खुली. अगर नींद खुली होती तो रांची की टीम को धनबाद नहीं पहुंचना पड़ता. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो