पटना ( PATNA) -बिहार की राजनीति में जल्द  एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. बिहार की राजनीति में अपना पहचान बना चुके कन्हैया कुमार जल्द ही काँग्रेस में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ दिनों में कन्हैया और राहुल गांधी के बीच दो बार मुलाकात हो चुकी है. दोनों ही मुलाकातों में प्रशांत किशोर भी उन दोनों के साथ उपस्थित थे. बिहार में पूरी तरह से कमजोर हो चुकी काँग्रेस अब कन्हैया के भरोसे अगले लोकसभा चुनाव में उतरना चाहती है. ऐसे अनुमान भी है कि अगले लोकसभा चुनाव में कन्हैया काँग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते नजर आयें. 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया CPI के टिकट पर बेगूसराय सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह से हार का सामना करना पड़ा था. इस लोकसभा चुनाव के बाद से ही CPI में उनपर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. जिसके बाद हैदराबाद मे हुई CPI की बैठक में उनके खिलाफ अनुशासनहीनता को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. हाल ही में उन्होंने CPI मुख्यालय से अपना ऑफिस भी खाली कर दिया. जिसके बाद से ये अनुमान तेज हो गए की वो सीपीआई छोड़ रहे हैं. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तो ये तय माना जा रहा है की वो काँग्रेस का दामन थाम लेंगे. माना जा रहे है कि काँग्रेस में कन्हैया को लाने की जिम्मेदारी जौनपुर सदर के पूर्व विधायक मोहम्मद नदीम जावेद को दी गई है. कन्हैया और नदीम के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. नदीम जावेद NSUI के पूर्व राष्ट्रीय रह चुके हैं, साथ ही कॉंग्रेस के राष्ट्रीय समिति में भी कई जिम्मेदारियों का वहन कर चुके हैं. 

कन्हैया के भरोसे बिहार में लौटना चाहती है काँग्रेस 
काँग्रेस का प्रदर्शन पिछले कई चुनाव से बिहार में खराब रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में काँग्रेस के खाते में केवल एक सीट ही आई थी. वहीं विधानसभा सभा चुनाव में राजद के साथ गठबंधन के बावजूद भी प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. इसको देखते हुए काँग्रेस बिहार में अब नया नेतृत्व खड़ा करना चाहती है, और इस नेतृत्व के लिए ही उनकी नजरें कन्हैया कुमार पर टिकी हुई हैं. देखना होगा की ये बातचीत का दौर कहाँ तक पहुंचता है.