जमुई (JAMUI ) कारागार में बंद कैदियों पर जेल के जुल्म की दास्तां तो कई बार पढ़ी सुनी गई है, पर इस बार बयां ए दास्तां जुदा है. जमुई जेल में बंद एक कैदी ने कुछ ऐसे अंदाज में अपना दर्द और जेल की अव्यवस्था बयां की, कि इसपर सभी का ध्यान गया और मीडिया में चर्चा का विषय बना.

क्या है मामला

 जमुई (JAMUI ) कारागार में बंद कैदियों ने जेलर पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है. पत्रकारों तक कैदियों की बात पहुंच सके इसके लिए कैदी ने बनियान पर ही चिठ्ठी लिख दी. फिर वह इसे पहन कर बाहर निकला. जेल के अंदर की कुव्यवस्थाओं को भी उजागर किया है. कैदी ने चिठ्ठी लिखी हुई बनियान को अख़बार के कार्यालय तक पंहुचा दिया है. कैदियों के प्रति संवेदनहीनता और अमानवीय व्यवहार की पूरी दास्तां बनियान पर लिखी है. बनियान में लिखी बातों को पढ़कर हर कोई हैरानी जता रहा है. कैदी ने लिखा है, कि अगर हम अपनी शिकायतें कहीं दर्ज करना चाहें, तो कागज कलम का भी इंतजाम नहीं है. खाने की चीजें पर्याप्त नहीं रहतीं. उनकी क्वालिटी भी सही नहीं है. साथ - साथ  साफ सफाई की भी शिकायत कैदी ने की है. कहा है कि इस बाबत जब भी कोई कैदी कुछ कहता है, उसे साथ मारपीट की जाती है. जेल अधीक्षक कैदियों के हालत के बारे में भी जानने की कोशिश नहीं करते.  उधर जमुई जेल अधीक्षक अरुण पासवान ने मामले को निराधार बताया ओर कहा कि जेल के भीतर सख्ती किए जाने से कैदी बिफरे हैं.

रिपोर्ट: रंजना कुमारी रांची ब्यूरो