TNP DESK- बिहार का मोकामा सीट  अभी चर्चे  में है.  आखिर चर्चा में रहे भी क्यों नहीं ,यह  सीट  अपराध और राजनीति का "कॉकटेल " है.  यह  सीट  कोई आज "कॉकटेल" नहीं बना है, बल्कि पिछले कई दशकों से मोकामा राजनीति और अपराध का "कॉकटेल" बना हुआ है.  गुरुवार की दोपहर दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी.  जनसुराज  और जेडीयू समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में यह हत्या हुई.  चुनाव आयोग ने घटना पर रिपोर्ट तलब की है.  इस मामले में सूचना के मुताबिक चार एफआईआर  दर्ज की गई है. 

हत्याकांड में अबतक चार एफआईआर हुई है दर्ज 

 एक एफआईआर अनंत  सिंह सहित अन्य के खिलाफ दुलारचंद यादव के परिजनों ने दर्ज कराई है.  जबकि दूसरी एफआईआर  जनसुराज  कार्यकर्ताओं पर कराई गई है.  इसके अलावे भी एफआईआर दर्ज हुई है.  मोकामा की राजनीति लंबे समय से अपराध, जाति और बाहुबल के लिए बदनाम रही है.  यह  इलाका भूमिहार बाहुबलियों का गढ़ माना जाता है.  दुलारचंद यादव इस क्षेत्र के कुछ गिने चुने गैर भूमिहार बाहुबलियों  में थे.  हालांकि उनके खिलाफ भी मामले दर्ज थे.  दूसरी ओर अनंत सिंह को  छोटे सरकार कहा जाता है.  2005 से अब तक इस सीट पर प्रभाव बनाए हुए है.  

अनंत सिंह के खिलाफ भी तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है

उनके खिलाफ भी तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है.  इस सीट पर जनसुराज  की ओर से पीयूष प्रियदर्शी, राजद  की ओर से बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी और एनडीए की ओर से बाहुबली अनंत  सिंह चुनाव लड़ रहे है.  दुलारचंद यादव इस बार जनसुराज  पार्टी का समर्थन कर रहे थे.  वैसे, तो इस हत्याकांड का राजनीति असर   अन्य विधानसभा क्षेत्र पर भी पड़ सकता है, लेकिन बाढ़  लेकिन बाढ़ विधानसभा क्षेत्र इस घटना से ज्यादा प्रभावित हो सकता है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो