TNP DESK- 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान क्या करेंगे? वह क्या चाहते हैं ?क्यों उनके लिए समर्थक जमीन तैयार कर रहे हैं? यह सवाल अब धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को झटका देने वाले चिराग पासवान क्या इस बार भी किसी योजना के तहत काम कर रहे हैं ?क्या उनका मन केंद्रीय मंत्री की कुर्सी से ऊब गया है?क्या विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या के मोल भाव के लिए नई चाल चल रहे है?2030 के बजाय 2025 में ही क्यों बिहार की राजनीति में लौटना चाहते हैं? वैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो रही है. चाहे महागठबंधन हो या अन्य कोई दल .सबकी अपनी तैयारी शुरू हो गई है. 

राजद भी अपनी पुरानी  छवि को बदले की कोशिश में 

राजद ने प्रोफेसरो को प्रवक्ता बनाकर अपनी पुरानी छवि को बदलने का प्रयास भी शुरू कर दिया है. इस बीच चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती ने संकेत दे दिया है कि चिराग पासवान इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को बिहार में कोई बड़ी जिम्मेवारी मिलने पर अगर बात बनती है, तो इस साल विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं .अरुण भारती के संकेत से यह सवाल उठ रहे हैं कि चिराग क्या इसी साल बिहार के चुनाव में लौटने को परेशान हैं. तो बिहार में आकर वह क्या बनेंगे ? क्या नीतीश कुमार के लिए फिर खतरा बनेंगे. केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर बिहार में क्या मुख्यमंत्री की बनने की कोशिश करेंगे?जमुई से सांसद अरुण भारती ने सोमवार को कहा था कि चिराग पासवान 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक चाहते हैं कि चिराग पासवान बिहार में बड़ी जिम्मेदारी संभाले.  हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि एनडीए में सहयोगी दलों में इस बात की चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही फैसला होगा .

बड़ी जिम्मेवारी क्या होगी ,यह साफ़ नहीं कर रहे  बहनोई सांसद 

बड़ी जिम्मेवारी क्या होगी, इस सवाल को अरुण भारती टाल गए. वैसे रविवार को एलजेपी(आर) की युवा विंग की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पदाधिकारियो ने चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया. साथ ही 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का न्योता भी दिया. अगर चिराग पासवान के पुराने बयानों को साथ  जोड़ा जाए, तो वह कह चुके हैं कि केंद्र से अधिक बिहार की राजनीति पर उनका फोकस है. फिलहाल वह केंद्र में ही रहेंगे और 2030 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार लौटेंगे. अगर इस बयान को देखा जाए तो 2030 के पहले बिहार की राजनीति में लौटने की संभावना कम दिखती है .लेकिन अरुण भारती के बयान से अटकलें का बाजार गर्म हो गया है. 

लोकसभा में मिली सफलता से अधिक सीट पर लड़ने के फ़िराक में लोजपा 

सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली पांच सीटों में से सभी सीटों को जीतने के बाद बिहार विधानसभा में लगभग तीन दर्जन से अधिक सीटों पर लड़ने का लोजपा मन बना रही है. देखना है कि क्या यह प्रेशर टैक्टिस है या चिराग पासवान 2020 की तरह इस बार भी कुछ नया करने जा रहे हैं. दरअसल बिहार में 243 विधानसभा सीट हैं. भाजपा और जदयू सौ -सौ सीटों पर लड़ना चाहते हैं. ऐसे में अन्य सहयोगी दलों के लिए 43 सीट ही बचती है. इनमें चिराग की पार्टी के अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की  पार्टी शामिल है. हो सकता है कि चुनाव के पहले इस तरह का बयान देकर सीटों के लेनदेन में फायदा हासिल करने की कोशिश की जा रही हो. आगे क्या होता है, या देखने वाली बात होगी. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो