मुजफ्फरपुर(MUZAFFARPUR): बिहार के मुजफ्फरपुर से ऐसा मामला सामने आया था, जहां एक प्रोफेसर ने अपने तीन साल की सैलरी इसलिए वापस कर दी, क्योंकि कॉलेज में बच्चे क्लास करने नहीं आते थे. उनका कहना था कि जब मैंने पढ़ाया ही नहीं तो किस बात के पैसे लूँ. मुजफ्फरपुर जिले के भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ललन सिंह इन दिनों अपनी सैलरी लौटने को लेकर काफी सुर्खियों में भी रहे. लेकिन अब उनकी इस ईमानदारी पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल नीतिश्वर सिंह कॉलेज के प्रोफ़ेसरों ने उनके इस काम की निंदा की है. साथ ही ये आरोप लगाया है कि उन्होंने कॉलेज की छवि ख़राब करने की कोशिश की है.
बिहार यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (BUTA) ने की बैठक
इस मामले को लेकर बिहार यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (BUTA) ने बैठक की है. बूटा के सदस्यों ने बैठक के दौरान प्रोफेसर ललन कुमार के कार्यों पर बातचीत की, साथ ही उन्हें इस तरह के एक्शन लेने पर गलत ठहराया. BUTA के नीतिश्वर महाविद्यालय ईकाई के सचिव डॉ राजीव रंजन ने बताया कि प्रो ललन ने जो कॉलेज को लेकर आरोप लगाया है, वो बिल्कुल गलत है. दरअसल यह मामला ट्रांसफर से जुड़ा है. वहीं BUTA अध्यक्ष डॉ. सरिता कुमारी ने बताया कि उन्होंने मीडिया में इसका दुष्प्रचार किया है.
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प्रो ललन ने ये कहा
वहीं प्रो ललन ने बताया कि मीडिया में कहीं-कहीं चलाया गया है कि एक भी छात्र कॉलेज में पढ़ने नहीं आते थे. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कुछ भी न तो बोला है न ही लिखा है. हमने नगण्य लिखा है जो लगभग सही है. प्रो ललन ने कहा कि बैठक में साथी शिक्षकों ने कहा कि इस तरह का कोई भी बयान न दें जिससे कॉलेज की छवि ख़राब हो. जबकि मैंने कॉलेज की छवि ख़राब नहीं की है. बल्कि समस्याओं को लेकर बात की है. उन्होंने कहा कि अब कॉलेज प्रशासन से मांग करता हूं कि आगामी सत्र में नामांकन लेनेवाले छात्रों से एक शपथ पत्र बनवाया जाय कि यदि मेरा हाजिरी 75 %नहींरहता है तो मुझे परीक्षा देने से रोका जा सकता है. हालांकि छात्रों की कम उपस्थिति के बात पर उन्होंने सीसीटीवी से फुटेज निकाल कर जांचने की बात भी कही है.
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