धनबाद(DHANBAD): धनबाद के गोधर में रविवार की शाम बिजली करंट प्रवाहित पोल की चपेट में आकर एक किशोर की मौत हो गई. उसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया, सड़क जाम कर दी गई. आधी रात के बाद सड़क जाम हटा. पुलिस बिजली विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर परिजनों से वार्ता कराइ. ग्रामीणों के गुस्से को देखकर पुलिस की भारी बंदोबस्त की गई थी. अतिरिक्त बल मंगाया गया था. देर रात को सूचना के अनुसार ₹9 लाख रुपए मुआवजे के आश्वासन के बाद जाम हटा. उसके बाद कई इलाकों की बिजली बहाल की जा सकी. घटना की सूचना मिलते ही बस्ती में मातम पसर गया था. गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी और बिजली आपूर्ति भी बंद करा दी.
बिजली विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का क्या भड़का गुस्सा
सैकड़ो की संख्या में लोग सड़क पर उतर गए और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. दरअसल, बिजली विभाग की शिथिलता की वजह से लगातार दुर्घटनाएं हो रही है. आप किसी भी इलाके में चले जाएं, तो नंगे तार आपको दिख जाएंगे. अगर बिजली के पोलो पर तारों का मकड़जाल देखेंगे, तो आपको भी डर लगने लगेगा. पता नहीं कब कौन तार टूटकर, किसी पर गिर जाए और बड़ी दुर्घटना हो जाये. कुछ साल पहले बैंक मोड में गोलगप्पा खा रहे कुछ लोगों पर बिजली का तार टूट कर गिर गया था और दुर्घटना हो गई थी. वैसे भी बिजली विभाग लोगों के निशाने पर है. व्यवस्था बदलने का दावा तो किया जाता है, लेकिन व्यवस्था पहले से भी खराब होती जा रही है.
डेली वेजेज पर काम करने वालों की अलग ही मनमानी है
डेली वेजेज पर काम करने वालों के भरोसे पूरी व्यवस्था चल रही है. जब भी कोई गड़बड़ी होती है ,तो जैसे -तैसे अस्थाई तौर पर तारों को ठीक कर दिया जाता है. लेकिन उसे ना ढंका जाता है ,ना बॉक्स को ठीक से बंद किया जाता है. आप जिस सड़क- मोहल्ले से गुजर जाएंगे, खुले बॉक्स आपको दिख जाएंगे. बरसात का मौसम है, ऐसे में जहां-तहां ट्रांसफार्मर से चिंगारियां निकलती आपको दिख जाएगी. बहुत सी जगह पर तो ट्रांसफार्मर के ठीक नीचे दुकान चल रही है. वहां भी खतरा बना रहता है. बांस के सहारे भी अभी भी कई जगहों पर तार खींचे जा रहे है. यह दुर्घटना को आमंत्रण नहीं तो और क्या है? बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी बहुत सही नहीं है.
शहर के भी कई इलाकों में 12 -12 घंटे बिजली नहीं रहती
दूर -दराज की बात कौन कहे, शहर के भी कई इलाके हैं, जहां 12-12 घंटे बिजली नहीं रहती है. बिलिंग सिस्टम की तो अलग ही कुव्यवस्था है. कई महीनो का बिल एक साथ लोगों को मिलता है. इस वजह से उन्हें आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है. शायद ही कोई ऐसा घर बचा है, जहां अब इनवर्टर नहीं रखे जाते. धनबाद में इनवर्टर अब लाचारी बन गए है. कहा जाने लगा है कि बिजली विभागों के तार में करंट नहीं, भ्रष्टाचार दौड़ता है. उपभोक्ताओं से तो बिजली खपत का भुगतान समय पर ले लिया जाता, लेकिन उन्हें सही ढंग से बिजली नहीं दी जाती. अगर पोल से आपके घर की बिजली बिगड़ जाए और उसे बनाने के लिए बिजली विभाग के मेन डेज कर्मी पहुंचते हैं, तो बिना चढ़ावा के काम होता नहीं है. मतलब बिजली के लिए समय पर भुगतान करिए, खराबी दूर करने के लिए चढ़ावा दीजिए और सुकून से जीने के लिए इनवर्टर रखिए, यह अब लोगों की लाचारी हो गई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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