रांची(RANCHI): देश के कई हिस्से में बांग्लादेशी घुसपैठियों का ठिकाना बन गया है. देखते ही देखते खाली पड़ी जमीन पर एक नया मोहल्ला बस गया. इसके पीछे एक बड़ी और गहरी साजिश है. जो अब बेनकाब हो जाएगी. घुसपैठ को लेकर गृह मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है. 30 दिन के अंदर सभी की जानकारी नहीं दी तो सीधे जिले के अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश के बाद झारखंड में हड़कंप मच गया है. खास कर संथाल परगना प्रमंडल के जिलों में,इस इलाके की डेमोग्राफी काफी तेजी से बदली है. लेकिन अब हर घर का सत्यापन होगा तो सब खुलासा होगा.
गृह मंत्रालय ने पत्र सभी मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है. जिसमें बताया है कि रोहंगीया बांग्लादेशी जो घुसपैठ कर राज्य में रह रहे है उन्हे चिन्हित कर बीएसएफ़ के हवाले करें.जो भी घुसपैठ कर राज्य में रह रहा है 30 दिनों में उसकी तहकीकात कर कार्रवाई करें. जिला में STF का गठन कर सभी की पहचान करें. अगर इसमें कोई कोताही दिखाते है तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. STF की जिम्मेवारी जिले के जिला अधिकारी की रहेगी. ऐसे में अगर उपायुक्त कोई भी चूक करते है. तो इसके बाद केंद्र सारकर खुद वैसे अधिकारी पर कार्रवाई करेगी. पत्र में साफ बताया गया है कि पहले भी कई पत्र लिखे गए है लेकिन इसके बावजूद सिर्फ लिपा पोती किया गया है.
आखिर कैसे होगी पहचान
यह भी सवाल है कि जब फर्जी तरीके से आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेज घुसपैठी बना कर बैठे है. ऐसे में कौन सही और गलत है इसकी पहचान कैसे होगी. तो इसमें सबसे पहले आधार कार्ड की जांच की जाएगी. आधार कब बना है और इसे बनवाने में क्या दस्तावेज दिया गया था. जो दस्तावेज दिया गया उसे किसने सत्यापन किया था और उसका आधार क्या था. ऐसे में जब इन सब का सत्यापन होगा. इसके बाद वोटर आईडी की बारी आएगी. फिर वोटर लिस्ट के जरीय चेक किया जाएगा. इसके बाद आपसे यह भी जानकारी ली जाएगी की आप अगर स्थाई निवासी है तो आपके रिश्तेदार कहा कहा है. इसकी पूरी जानकारी देनी होगी.
अब संथाल परगना में गृह मंत्रालय की विशेष नजर है.क्योंकि यहाँ बड़े पैमाने पर घुसपैठी बैठे हुए है. और इसे बचाने में स्थानीय प्रशासन से लेकर मुखिया सब लगे हुए है. हाल में जब महाराष्ट्र में घुसपैठियों को पकड़ा गया तब सभी के पास से साहिबगंज का आधार कार्ड मिला. इसके बाद तुरंत मुखिया का जवाब आया की वह सभी साहिबगंज के है. ऐसे में सवालों के घेरे में मुखिया भी है.
इसके बाद जब झारखंड हाई कोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपीठियों को लेकर याचिका पर सुनवाई के बाद सभी जिला के डीसी और एसपी से रिपोर्ट मांगी थी. तब संथाल परगना से ही डीसी और एसपी की अलग अलग रिपोर्ट कोर्ट में पहुंची थी. जिसपर कोर्ट ने नाराजगी भी जताया था.
विधानसभा में सरकार ने भी स्वीकार किया है कि साहिबगंज में चार बंगलादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया है. इसमें तालझारी और अन्य थाना का जिक्र किया गया है. इससे साफ है कि संथाल परगना प्रमंडल में घुसपैठियों का सबसे सेफ ठिकाना है. बड़े अधिकारी से लेकर छोटे सभी ऐसे लोगों को बचाने में लगे रहते है. जो आगे चल कर देश के लिए खतरा बन सकते है.
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