मुजफ्फरपुर(MUZAFFARPUR): किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा को दिया जाता है. मगर, आज शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है. हर को इसके जरिए पैसा कमाना चाहता है. आलम ये है कि स्कूल और कॉलेज के बाद भी टीचर कोचिंग सेंटर के बहाने पैसे कमाने में लगे रहते हैं. मगर, जहां एक ओर सभी पैसे के पीछे भाग रहे हैं, वहीं एक ओर बिहार के मुजफ्फरपुर से ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक प्रोफेसर ने अपने तीन साल की सैलरी इसलिए वापस कर दी, क्योंकि कॉलेज में बच्चे क्लास नहीं करते.
ये भी पढ़ें:
मां काली पोस्टर विवाद: प्रोड्यूसर लीना मणिमेकलई के पोस्ट को ट्विटर ने किया डिलीट
भीमराव यूनिवर्सिटी का मामला
मामला मुजफ्फरपुर जिले के भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी का है. यूनिवर्सिटी के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार लगातार पिछले 3 साल से यूनिवर्सिटी को पत्र लिख कर एक ऐसे कॉलेज में नियुक्ति की मांग कर रहे थे, जहां बच्चे पढ़ने आते हों. उनके बार-बार कहने के बावजूद भी प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी. इससे परेशान होकर प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने अपनी तीन साल की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए यूनिवर्सिटी को लौटा दी है और इस्तीफे की भी पेशकश की है.
इस पूरे मामले पर सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने बताया कि BPSC के माध्यम से 2019 में उनका सहायक प्रोफेसर के तौर पर उनका चयन हुआ था. इसके बाद BRA बिहार यूनिवर्सिटी के तत्कालीन VC राजकुमार मंडिर ने सभी नियमों और शर्तों को धत्ता बताते हुए मनमाने तरीके से सभी चयनित प्रोफेसरों की पोस्टिंग की. उन्होंने बताया कि वीसी ने मेरिट और रैंक का उल्लंघन करते हुए कम नंबर वाले को PG और अच्छे-अच्छे कॉलेज दे दिए और बेहतर रैंकिंग वाले को ऐसे कॉलेजों में भेजा गया, जहां किसी प्रकार के कोई क्लास नहीं होते थे.
सबकी पोस्टिंग और ट्रांसफर हुई पर उनकी नहीं हुई
उन्होंने आगे बताया कि 2019 से 2022 तक में छह बार ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई. इस पर उन्होंने 4 बार आवेदन लिखकर मांग किया कि उनके कॉलेज में पढ़ाई नहीं होती है और वह बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने मांग की कि मेरा ट्रांसफर PG डिपार्टमेंट, एलएस कॉलेज या आरडीएस कॉलेज में कर दीजिए जहां क्लासेज होती है, ताकि मैं बच्चों को पढ़ा सका हूं और अपने ज्ञान का सदुपयोग कर सकूं. उनके इस बार-बार आग्रह करने के बाद भी उनका ट्रांसफर नहीं किया गया. आखिर में तंग आकर उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए अपनी पूरी सैलरी विश्वविद्यालय को लौटाने की पेशकश की है. उन्होंने बताया कि कॉलेज में 1100 बच्चे हैं, लेकिन 3 सालों में बच्चे के नहीं आने से 10 क्लास भी नहीं हुए.
Recent Comments