पटना (PATNA): बिहार की राजनीति में परिवारवाद को लेकर छिड़ी बहस ने नया मोड़ ले लिया है. जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा एनडीए नेताओं पर परिवारवाद का सवाल खड़ा करते ही यह बहस गर्मा गई. तेजस्वी के इस बयान के बाद एनडीए के कई नेता मोर्चा संभालते नजर आए और अब इस बहस में केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी भी कूद पड़े हैं.

बेटे और दामाद दो तरह के होतें है, एक लायक, दूसरा नालायक

जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर एक तीखा और व्यंग्यात्मक पोस्ट करते हुए बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला. उन्होंने लिखा बेटे और दामाद दो तरह के होतें हैं… एक लायक, दूसरा नालायक. लायक़ बेटा अपने दम पर UNICEF में नौकरी करते हुए पढ़ाई करता है, UGC(NET) पास करके पीएचडी करता है फिर BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय में शिक्षक बन जाता है.नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता, पिता की कृपा से क्रिकेट खेलता है और जब वहाँ भी फेल कर जाता है तो वही पिता उस नालायक बेटे को राजनीति में उतार देते हैं और ज़बरदस्ती उसे दल की कमान सौंप देते हैं.

परिवारवादी राजनीति मॉडल" पर तीखा प्रहार 

वैसे ही लायक़ दामाद अपने समाज का पहला इंजीनियर होता है और कई चुनाव लड़ने, सामाजिक कार्य करने के बाद योग्यता के आधार पर उन्हें कोई ओहदा दिया जाता है. वहीं दूसरी ओर नालायक दामाद इंजिनियरिंग करने के बावजूद घर जमाई बनता है और रोज़ाना साँस-ससुर-साले की गाली सुनने के बावजूद सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है.सोशल मीडिया के माध्यम से मांझी का यह व्यंग्य न सिर्फ तेजस्वी यादव के राजनीतिक सफर पर तंज है, बल्कि पूरे "परिवारवादी राजनीति मॉडल" पर तीखा प्रहार भी माना जा रहा है