पटना(PATNA): बिहार में चुनाव की तारीखों के नजदीक आते आते गठबंधन में दरार सी दिखने लगी है. इंडिया ब्लॉक में सीट बटवारे पर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई. जिससे यह साफ हुआ की गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कई नेताओं की नाराजगी भी खुल कर सामने आई.इस बीच ही अब 10 ऐसी सीट सामने आई है जहां कांग्रेस-राजद-सीपीआई और मुकेश सहनी ने अपने अपने उम्मीदवार को सिंबल दे दिया और नामांकन भी दाखिल कर लिया. अब चर्चा शुरू हो गई की ये कैसा गठबंधन है.
दरअसल बिहार में 10 ऐसी सीट है जहां गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया. लालगंज विधानसभा में राजद और कांग्रेस दोनो ने अपने उम्मीदवार उतारा है. आरजेडी ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया तो वहीं कांग्रेस ने आदित्य कुमार को मैदान में उतार दिया है. इसके बाद फिर वैशाली विधानसभा से आरजेडी के अजय कुशवाहा और कांग्रेस से संजीव कुमार ने पर्चा दाखिल किया. वहीं बछवाड़ा विधानसभा सीट पर सीपीआई और काग्रेस दोनों दल के प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल कर दिया. गौरा बौराम सीट से आरजेडी और वीआईपी खुद आमने सामने है. कहलगाँव सीट पर भी राजद कांग्रेस आमने सामने है. राजा पाकड़ से कनरेस और सीपीआई, रोसड़ा में सीपीआई और कांग्रेस के उम्मीदवार खुद आमने सामने है.
अब यह 10 सीट पर परिणाम क्या होगा. कौन किसके पक्ष में परचार करने पहुंचेगा यह भी बड़ा सवाल है. चुनाव में इसे फ़्रेंडली फाइट नाम दिया गया है. लेकिन इसका सीधा नुकसान गठबंधन को होगा. वोट का बिखराव होने से दोनो प्रत्याशी को बड़ा नुकसान चुनाव में हो सकता है. अब इस 10 सीट को लेकर चर्चा यह भी शुरू है कि आखिर क्या होगा. गठबंधन में सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है तो फिर इन सीट पर गठबंधन टूट क्यों गया. अब जनता क्या परिणाम देती है और उनका मूड क्या है यह तो 14 नवंबर को ही देखने को मिलेगा.

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