कैमूर(KAIMUR): कैमूर जिले की मोहनिया नगर पंचायत का गठन हुए 10 साल हो गए. लेकिन आज तक जलजमाव से निपटने की तैयारी नहीं हो पाई है. मोहनिया में हुई पहली बारिश ने ही नगर पंचायत की पोल खोल कर रख दी है.अनुमंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ट्रामा सेंटर में पूरी तरह पानी भरने के कारण इमरजेंसी वार्ड में मौजूद मरीजों को किसी तरह ऊपरी तले पर शिफ्ट किया गया. डॉक्टर और स्टाफ को काम करने में समस्या हो रही है. यही नहीं स्टेशन रोड से लेकर मोहनिया थाने की सर्विस रोड तक पूरी तरह जलजमाव में डूबा हुआ है.
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जिला परिषद सदस्य ने लिया जायजा
जलजमाव की स्थिति का जायजा लेने के लिए जिला परिषद सदस्य अनुमंडल अस्पताल पहुंची जहां घुटने भर पानी के बीच होकर इमरजेंसी वार्ड से ट्रामा सेंटर तक जाना पड़ा. इस दौरान जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए ना तो नगर पंचायत के कोई अधिकारी दिखे ना ही कोई कर्मी. मोहनिया के पूर्व चेयरमैन अज्ञेय विक्रम बोस्की सिंह ने कहा कि मोहनिया नगर पंचायत 16 वार्डों में साफ सफाई के नाम पर ₹1600000 प्रति महीने खर्च करती है. लेकिन सिर्फ पैसे का बंदरबांट होता है. जबकि भभुआ में नगर परिषद में 25 वार्ड होने के बाद भी 1300000 रुपए प्रति महीने साफ सफाई पर खर्च होते हैं.
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